अंबिकापुर। एक और चिटफंड कंपनी द्वारा ज्यादा मुनाफे का लालच देकर लोगों से लाखों रुपए ठगने का मामला सामने आया है। कंपनी ने इस काम के लिए एजेंटों को लगा रखा था जो लोगों से संपर्क कर पैसा जमा कर रहे थे। ये एजेंट ही अब कह रहे हैं कि रकम मिलने की कोई संभावना नहीं है।
लोगों के दबाव के बाद एजेंट सोमवार को कलेक्टर के पास पहुंचे थे। उनका कहना है कि लोग उनसे पैसे की मांग कर रहे हैं तथा गाड़ी लूट रहे हैं। बैंकों में पैसे जमा कराए गए थे लेकिन कंपनी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने एजेंटों को प्रभावित लोगों के साथ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। एजेंटों के अनुसार करीब साढ़े तीन सौ लोगों से 56 लाख रुपए से अधिक जमा कराए गए हैं। कंपनी के एजेंट प्रभावित लोगों के साथ खुद कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे।
उनका कहना है कि कोलकता की कंपनी द्वारा रुपए जमा किए थे। कुछ महीने में ही 344 लोगों से 56 लाख रुपए जमा कराए गए हैं लेकिन लोगों को जमा राशि वापस नहीं की जा रही है। अभिकर्ताओं का कहना है कि राशि कंपनी द्वारा दिए गए खाते में जमा की गई थी। अब कंपनी द्वारा उन्हें भी कोई जानकारी नही दी जा रही है जिससे आशंका हो रही है। कलेक्टर ऋतु सैन ने कंपनी के एजेंटों रामकली सोनी, शीतल गुप्ता, साधना जायसवाल, नीतू साहू, राजकुमार गुप्ता एवं पप्पू जायसवाल से मामले में पूछताछ की और उसके बाद एजेंटों को प्रभावित लोगों के साथ थाने जाकर संबंधित कंपनी टीसा एग्रो प्रोजेक्ट इडिण्या लिमिटेड, थाना स्टेशन रोड, बेलघरिया, कोलकाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
हर महीने एक नई कंपनी के खिलाफ शिकायत
सरगुजा में चिटफंड कंपनियों ने अपना गढ़ बना लिया है। कंपनियों द्वारा अधिक मुनाफे का लालच दिया जाता है जिसके चक्कर में आकर लोग फंस जाते हैं। कुछ महीने में ही आधा दर्जन से अधिक ऐसी कंपनियों के खिलाफ प्रशासन को शिकायत मिल चुकी है। दिक्कत यह है कि न तो इन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और न ही लोग सजग हो रहे हैं। बाहर से आकर कंपनियां किराए पर एक दो कमरे लेकर धंधा चला रही हैं लेकिन कभी इनकी पड़ताल नहीं होती है। ठगी के बाद लोग जब प्रशासन और पुलिस के पास पहंुचते हैं तब तक न तो कंपनियों के कार्यालय का पता चलता है और न ही उसके लोग मिलते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि झांसे में न आएं
कलेक्टर ने लोगों से कहा कि इस तरह से किसी भी कंपनी के झांसे में न आएं। रूपए जमा करने से पूर्व उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि अधिक ब्याज और कमीशन के लालच में लोग बिना सोचे-समझे अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों में जमा कर रहे हैं।
लोगों के दबाव के बाद एजेंट सोमवार को कलेक्टर के पास पहुंचे थे। उनका कहना है कि लोग उनसे पैसे की मांग कर रहे हैं तथा गाड़ी लूट रहे हैं। बैंकों में पैसे जमा कराए गए थे लेकिन कंपनी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने एजेंटों को प्रभावित लोगों के साथ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। एजेंटों के अनुसार करीब साढ़े तीन सौ लोगों से 56 लाख रुपए से अधिक जमा कराए गए हैं। कंपनी के एजेंट प्रभावित लोगों के साथ खुद कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे।
हर महीने एक नई कंपनी के खिलाफ शिकायत
सरगुजा में चिटफंड कंपनियों ने अपना गढ़ बना लिया है। कंपनियों द्वारा अधिक मुनाफे का लालच दिया जाता है जिसके चक्कर में आकर लोग फंस जाते हैं। कुछ महीने में ही आधा दर्जन से अधिक ऐसी कंपनियों के खिलाफ प्रशासन को शिकायत मिल चुकी है। दिक्कत यह है कि न तो इन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और न ही लोग सजग हो रहे हैं। बाहर से आकर कंपनियां किराए पर एक दो कमरे लेकर धंधा चला रही हैं लेकिन कभी इनकी पड़ताल नहीं होती है। ठगी के बाद लोग जब प्रशासन और पुलिस के पास पहंुचते हैं तब तक न तो कंपनियों के कार्यालय का पता चलता है और न ही उसके लोग मिलते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि झांसे में न आएं
कलेक्टर ने लोगों से कहा कि इस तरह से किसी भी कंपनी के झांसे में न आएं। रूपए जमा करने से पूर्व उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि अधिक ब्याज और कमीशन के लालच में लोग बिना सोचे-समझे अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों में जमा कर रहे हैं।