The central bank also plans to curb companies
Admin | 19 December, 2015 | 806 | 3980
रांची: रिजर्व बैंक ने भी चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. किसी भी तरह की फाइनेंस कंपनी शुरू करने से पहले प्राधिकृत अधिकारियों के अलावा स्थानीय उपायुक्त को इसकी सूचना देनी होगी. ऐसा नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ पेनाल्टी लगायी जायेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (बिहार-झारखंड) के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने पत्रकारों को बताया किचिटफंड कंपनियों पर निगाह रखने के लिए रजिस्ट्रार आॅफिस खोले जायेंगे.
इसमें अपर वित्त आयुक्त इसके रजिस्ट्रार चिट्स होंगे. वहीं जिला के डीसी इसके संयुक्त निबंधक के तौर पर होंगे. कोई भी नयी चिटफंड कंपनी शुरू करने के पहले चिट्स निबंधक से इसकी अनुमति अनिवार्य होगी. हित संरक्षण अधिनियम में पुलिस की कार्रवाई के लिए मापदंड तैयार किये गये हैं. श्री वर्मा ने बताया कि अधिनियम के तहत एक न्यायालय भी होगा. जहां केस फाइल किये जायेंगे. इसके लिए झारखंड सरकार के अधिकारियों को तैयारी करने को कहा दिया गया है. इसका फैसला गुरुवार को बैंक समन्वय समिति व सरकार के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में लिया गया.
इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक(बिहार-झारखंड) के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी हित संरक्षण अधिनियम नियमावली बनायी गयी, जिसकी अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी गयी. इस अधिनियम के तहत हर जिला में एक प्राधिकृत पदाधिकारी बनाया जायेगा, जो नये व्यवसाय करनेवालों पर निगरानी रखने का काम करेंगे. अधिनियम के तहत प्राधिकृत पदाधिकारी को कार्रवाई का पूरा अधिकार भी दिया जायेगा. संवाददाता सम्मेलन में गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के महाप्रबंधक व सहायक प्रबंधक भी शामिल थे.