छिंदवाड़ा. शहर के परासिया रोड स्थित चिटफंड कंपनी साईं प्रसाद प्रॉपर्टी लिमिटेड ने निवेशकों से तीस करोड़ रुपए जुटाए हैं। जमा की गई राशि का निवेश प्रॉपर्टी और कंस्ट्रक्शन पर किया गया है। पूना निवासी कम्पनी के प्रबंध निदेशक बाला साहब (55) पिता केशवराव बापकर ने निवेशकों का रुपए दबाने के लिए सात इंवेस्टमेंट कंपनी भी तैयार कर ली थी। शनिवार को एसपी डॉ. जीके पाठक ने आरोपी से पूछताछ की जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं।
सेबी से बैंकिंग क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं होने के बाद भी धड़ल्ले से रुपए जमा कराए जा रहे थे। पांच साल में दोगुना रुपया हासिल करने के लालच में आकर जिलेवासियों ने जमीनें बेचीं तो कुछ लोगों ने बैंकों में जमा रुपए निकालकर साईं प्रसाद कंपनी में जमा किए। रुपए लौटाने का समय आया तो कम्पनी ने हाथ खड़े कर दिए और दफ्तर में ताला लगाकर फरार हो गए।
आवेदन लेकर थाने पहुंची
शहर के गुलाबरा निवासी प्रभा पवार और गौकृष्ण पवार ने चिटफंड कम्पनी साईं प्रसाद में निवेश किया था। शनिवार को महिला आवेदन लेकर थाना पहुंची। आरोपी से पूछताछ कर निकल रहे एसपी को महिला ने आवेदन दिया। जिसमें साईं प्रसाद के पास पांच लाख रुपए जमा करना बताया है। थाना प्रभारी दिनेश बढ़ई ने आवेदन लेकर जांच में रखा है।
अब आगे क्या होगा
पुलिस-प्रशासन चिटफंड कंपनी साईं प्रसाद से जिले की जनता से जुटाए रुपए का हिसाब किताब मांग रही है। प्रत्येक व्यक्ति के नाम के साथ ही उसकी जमा राशि के समूचे दस्तावेज हासिल करेगी। छिंदवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर मौजूद प्रॉपर्टी को सीज करने के बाद नीलाम किया जाएगा। प्राप्त राशि से निवेशकों को भुगतान किया जाएगा। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया को अभी लम्बा समय लगाना है, क्योंकि पुलिस जुटाई गई राशि को कहां और किस तरह निवेश किया है यह भी पता लगा रही है।
कोतवाली पुलिस आरोपी बाला साहब बापकर की पत्नी को भी पूछताछ के लिए छिंदवाड़ा लाने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंची थी। बताया जा रहा है कि आरोपी की पत्नी छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला जेल में बंद है। शनिवार सुबह कोतवाली थाने की एक टीम दुर्ग पहुंची। सूत्रों से देर रात मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग जिला जेल के जेलर ने महिला को रिमांड पर देने से मना कर दिया। हालांकि इसकी अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की थी।
चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी
छिंदवाड़ा में लगभग तीन करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है।
जबलपुर, इंदौर, भोपाल और झाबुआ सहित अन्य शहरों में सात सौ एकड़ जमीन है।
चिटफंड कंपनी के प्रबंध निदेश बाला साहब बापकर के पास साल 2000 में महज दस लाख रुपए थे।
आरोपी के पास साल 2013 में 25 सौ करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी हो गई।
सात इंवेस्टमेंट कंपनी का निर्माण।