Kunal has Mainstream In Return The The Maoist party was interested, If the Maoists releasing unhealthy
Admin | 03 June, 2016 | 1043 | 3980
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा सासंद व सारधा चिटफंड मामले में प्रेसिडेंसी जेल में बंद कुणाल घोष ने राज्य के नवनियुक्त जेल मंत्री अवनी जोआरदार को पत्र लिख कर मुख्यधारा में लौटने के इच्छुक अस्वस्थ माओवादियों की रिहाई की मांग की है. इसके साथ ही अपने सांसद कोटे की राशि का इस्तेमाल जेल में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने में नहीं किये जाने की ओर भी मंत्री का ध्यान आकर्षित किया है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि 14 वर्ष की आजीवन सजा काट चुके कई कैदियों को रिहाई नहीं मिली है. उन्होंने मांग की कि आजीवन कैद की सजा काट चुके कैदियों को रिहा किया जाये. 2011 में जब ममता बनर्जी की सरकार सत्ता में आयी थी उस समय राजबंदी कैदियों की मुक्ति की बात कही गयी थी. जेल में कई माओवादी हैं, जो अस्वस्थ और बूढ़े हो चुके हैं तथा मुख्यधारा में लौटने के इच्छुक हैं.
उन्हें जेल से रिहाई दी जाये. श्री घोष ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने अपने सांसद कोटे की 90 लाख रुपये की राशि राज्य के पांच संशोधनागारों प्रेसिडेंसी, अलीपुर, दमदम, उत्तरबंग व मेदिनीपुर में चिकित्सा व्यवस्था की मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए दिया है, लेकिन अभी तक यह राशि रिलीज नहीं हुई है. चूंकि यह राशि जेल विभाग में मूलभूत सुविधाओं के विकास में खर्च होगी इसलिए जेल मंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें.
इसके साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा है कि सहारा श्री सुब्रत राय की लिखी पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है, लेकिन उन्होंने अपने कई लेख व पत्र प्रकाशित करने के लिए जेल अधिकारियों को सौंपा है, लेकिन अभी तक उन्हें रिलीज नहीं किया है. उन्होंने लिखा कि 13 नवंबर को उन्होंने नींद की गोली खायी थी. इस बाबत दो जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने साफ किया कि उन्होंने खुद ही गोली खायी थी. इसमें जेल कर्मियों का कोई दोष नहीं था इसलिए दोनों को फिर से ड्यूटी पर तैनात किया जाय. इसके साथ ही ममता बनर्जी को फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं दी हैं.