Chit Fund company running four accused sentenced to two years
Admin | 09 October, 2015 | 804 | 3980
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बुधवार को न्यायिक दंडाधिकारी व पीठासीन अधिकारी फिरोज अख्तर ने चिटफंड कंपनी चलाने वाले चार आरोपियों को दो-दो साल के कारावास और एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं मुख्य आरोपी फरार है।
शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ केदार सिंह कौरव ने बताया कि साल 2007 में राजेंद्र पुत्र चंदर सिंह परमार निवासी गांव बगड़ावदा, जितेंद्र पुत्र देवकरण जायसवाल निवासी लाखूखेड़ी, दिनेश पुत्र राजाराम जाजपुरिया निवासी चंदन नगर आष्टा, महेश पुत्र घासीराम जाजपुरिया निवासी गांव मांडली आष्टा, देवेंद्र पुत्र रमेश परमार निवासी गांव भूफोड़ ने चिटफंड कंपनी वीएनएस शास्त्री कॉलोनी आष्टा में खोली थी।
उसकी एक अन्य ब्रांच सीहोर में भी खोली गई थी। आरोपियों ने चिटफंड कंपनी के नाम पर उपभोक्ताओं से 3500 रुपए लेकर 30 दिन के अंदर 30 हजार रुपए देने का झांसा दिया था। इसी को लेकर करीब 100 ने पैसे जमा किए था। तीस दिन बीतने के बाद जब लोग अपना पैसा वापस लेने गए तो आरोपी टालमटोल करने लगे। इस दौरान वह कभी ऑडिट का बहाना तो कभी शासन से अनुदान राशि नहीं आने का बहाना बनाने लगे।
मैनेजर ने ही दर्ज कराई थी शिकायत
चिटफंड कंपनी वीएनएस की सीहोर ब्रांच के मैनेजर वीरेंद्र वर्मा ने भी जब इस संबंध में आरोपियों से लोगों की मार्जिन मनी देने को कहा। इस पर आरोपियों ने उसे भी टाल दिया। इसी को लेकर वीरेंद्र वर्मा ने आष्टा थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी का प्रकरण पंजीबद्ध कराया था। मामला दर्ज कर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण में मुख्य आरोपी राजेंद्र पुत्र चंदर सिंह परमार फरार चल रहा है। उसके खिलाफ न्यायालय ने स्थाई वारंट जारी किया है।
शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ केदार सिंह कौरव ने बताया कि साल 2007 में राजेंद्र पुत्र चंदर सिंह परमार निवासी गांव बगड़ावदा, जितेंद्र पुत्र देवकरण जायसवाल निवासी लाखूखेड़ी, दिनेश पुत्र राजाराम जाजपुरिया निवासी चंदन नगर आष्टा, महेश पुत्र घासीराम जाजपुरिया निवासी गांव मांडली आष्टा, देवेंद्र पुत्र रमेश परमार निवासी गांव भूफोड़ ने चिटफंड कंपनी वीएनएस शास्त्री कॉलोनी आष्टा में खोली थी।
उसकी एक अन्य ब्रांच सीहोर में भी खोली गई थी। आरोपियों ने चिटफंड कंपनी के नाम पर उपभोक्ताओं से 3500 रुपए लेकर 30 दिन के अंदर 30 हजार रुपए देने का झांसा दिया था। इसी को लेकर करीब 100 ने पैसे जमा किए था। तीस दिन बीतने के बाद जब लोग अपना पैसा वापस लेने गए तो आरोपी टालमटोल करने लगे। इस दौरान वह कभी ऑडिट का बहाना तो कभी शासन से अनुदान राशि नहीं आने का बहाना बनाने लगे।
मैनेजर ने ही दर्ज कराई थी शिकायत
चिटफंड कंपनी वीएनएस की सीहोर ब्रांच के मैनेजर वीरेंद्र वर्मा ने भी जब इस संबंध में आरोपियों से लोगों की मार्जिन मनी देने को कहा। इस पर आरोपियों ने उसे भी टाल दिया। इसी को लेकर वीरेंद्र वर्मा ने आष्टा थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी का प्रकरण पंजीबद्ध कराया था। मामला दर्ज कर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण में मुख्य आरोपी राजेंद्र पुत्र चंदर सिंह परमार फरार चल रहा है। उसके खिलाफ न्यायालय ने स्थाई वारंट जारी किया है।