ग्वालियर - चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के साथ-साथ अब एजेंट भी आरोपी बन गए हैं। गवाहों द्वारा उनके नाम बताने पर जिला न्यायाधीश ने परिवार डेयरी के एक एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश दिया है। पुलिस ने एफआईआर में सिर्फ चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों को आरोपी बनाया था, लेकिन एजेटों को शामिल नहीं किया गया था।
परिवार डेयरी के खिलाफ गोला का मंदिर थाने में केस दर्ज है। जिला कोर्ट में चिटफंड कंपनी परिवार डेयरी के खिलाफ ट्रायल चल रही है। बीते दिनों कंपनी के खिलाफ गवाही हुई, जिसमें 9 गवाह बुलाए गए थे। लोक अभियोजक जगदीश शर्मा ने जब गवाहों से एक सवाल किया कि क्या वे राकेश नरवरिया को पहचनाते हैं। गवाह बोले कि वे उन्हें नहीं जानते हैं। परिवार डेयरी में पैसा निवेश कराने के लिए हमारे पास एजेंट ज्योति विश्वास आई थीं। उनके कहने पर कंपनी में पैसा जमा किया था। उन्हें एक पॉलिसी मिली थी। ये पॉलिसी कंपनी ने वापस ले ली है और पैसा मिल गया है। वे ज्योति विश्वास को पहचानते हैं। गवाहों की गवाही के आधार पर लोक अभियोजक ने कोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किया। कोर्ट ने उसी आवेदन को संज्ञान में लेते हुए एजेंट ज्योति विश्वास पर भी केस दर्ज कर लिया।
डायरेक्टर ने लगाया एजेंट को आरोपी बनाने का आवेदन
एमकेडी डेवलपर्स के डायरेक्टर प्रमोद वर्मा ने दो एजेटों को आरोपी बनाने के लिए कोर्ट में आवेदन पेश किया है, जिसको लेकर कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है। एजेंट अशोक शर्मा व नंदकिशोर यादव के खिलाफ लगाए गए आवेदन में बताया गया है कि दोनों की अपराध में बराबर की भूमिका है, लेकिन पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है। जबकि हमारे खिलाफ झूठा केस दर्ज कर लिया है।
क्यों बनाया है एजेंट को आरोपी
लोक अभियोजक के अनुसार पुलिस की एफआईआर में एजेंट आरोपी नहीं बने हैं। अपराध में एजेंटों की बराबर की भूमिका है, क्योंकि निवेशकों के बीच एजेंट ही गए थे। उन्होंने ही लोगों को झांसा दिया था। कंपनी में निवेश कराने पर एजेंटों को 35 फीसदी तक कमीशन मिला है।
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