बिलासपुर. चिटफंड कंपनी पल्स गोल्ड रियल स्टेट इंडिया लिमिटेड के संचालक ने कोरबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर और सरायपाली बसना में अपने एजेंट नियुक्त कर रखे हैं। यह अलग-अलग क्षेत्रों से रकम लाकर कंपनी के संचालक राजेश त्रिपाठी के खाते में जमा करते हैं।
कंपनी का संचालक जमीन अपने नाम पर खरीदने के बाद उसके लाभांश का झांसा देकर खाते में रकम जमा करवाता था। इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है। पुलिस ने कंपनी के संचालक व दो एजेंट के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने अग्रसेन चौक स्थित सुपर मार्केट में संचालित पल्स गोल्ड रीयल स्टेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी के दफ्तर पर छापेमारी की थी। कंपनी के दस्तावेज खंगालने पर पुलिस को खाते में करोड़ों रुपए और प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की जमीन के दस्तावेज मिले थे।
कंपनी के संचालक राजेश त्रिपाठी से पूछताछ में पता चला कि उसने जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, और सरायपाली बसना में कंपनी के एजेंट नियुक्त किए थे। एजेंटों को कंपनी के लिए ग्राहक बनाने और रकम जमा करवाने पर कमीशन दिया जाता था। पुलिस को कंपनी के दफ्तर से मिले जमीन संबंधी दस्तावेजों में संचालक राजेश का नाम मिला है। वह जमीन तो खुद के नाम पर रखता था, लेकिन लोगों को उक्त जमीन का लाभांश देने का झांसा देकर उनसे रकम जमा करवाता था।
इस काम में कंपनी के एजेंट उसका साथ देते थे और जमीन में निवेश करने का हवाल देकर रकम वसूल करते थे। इसके साथ ही ग्राहकों को कंपनी में करने पर दो -तीन साल में उसे दोगुना करके लौटाने का बांड पेपर देते थे। ग्राम नेवरा निवासी कुंजीलाल खांडे की शिकायत पर एजेंट सुखलाल साहू, अमृत दास महंत व कंपनी के संचालक के खिलाफ पुलिस ने 420 का अपराध दर्ज कर लिया है।
राशि जमा करवाने का अधिकार नहीं
चिटफंड कंपनी के संचालक राजेश को लोगों से रकम जमा कराने का अधिकार नहीं है। उसके पास आरबीआई सेवी का लाइसेंस नहीं है। इसके बाद भी वह लोगों को धोखा देकर रकम जमा करवा रहा था। वह खरीदी गई कुछ जमीन को बेचकर भागने की फिराक में था।
सरायपाली - बसना में होगी एफआईआर
सीएसपी लखन पटले के अनुसार सरायपाली-बसना के एजेंट ने वहां 100 से अधिक लोगों से कंपनी में निवेश करवाया है। बिलासपुर में उसके खिलाफ शिकायत नहीं है, लेकिन चिटफंड कंपनी के लिए काम करने और रकम जमा करने के झांसा देकर उसने कंपनी के मालिक को लाभ पहुंचाया है। इस मामले में उसके खिलाफ सरायपाली- बसना में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
सिविल लाइन सीएसपी लखन पटले ने कहा कि कंपनी के संचालक व एजेंटों से पूछताछ जारी है। अब तक सैकड़ों लोगों ने कंपनी के खाते में करीब 6 करोड़ से अधिक राशि जमा कराई है।
इसके अलावा कंपनी के संचालक के पास करोड़ों की संपत्ति होने की जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।
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