ग्वालियर - बीएनपी के नाम से चिटफंड कंपनी चलाने वाले राघवेंद्र नरवरिया को रिमांड पर लेने के लिए उज्जैन की माधवनगर थाना पुलिस सुबह ही कोर्ट पहुंच गई। उज्जैन पुलिस कोर्ट के आदेश से सेंट्रल जेल जाकर राघवेंद्र की गिरफ्तारी की कागजी कार्रवाई कर फिलहाल वापस लौट गई। थाटीपुर थाना पुलिस ने भी आरोपी को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। बुधवार को राघवेंद्र नरवरिया को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपी का रिमांड मिलने के बाद पुलिस उसके चिटफंड संबंधी धंधों के बारे पूछताछ करेगी। ताकि यह संपत्ति कुर्क की जा सके।
भतीजे रवि नरवरिया के अपहरण के बाद गैर बैंकिग कारोबार से जुड़ा बीएनपी का सीएमडी राघवेंद्र नरवरिया अचानक सोमवार की शाम को जिला कोर्ट में हाजिर हो गया। थाटीपुर थाना पुलिस के समय पर न्यायालय नहीं पहुंच पाने के कारण कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
माधवनगर थाने में दर्ज हैं मामले
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के अलावा कई राज्यों में चिटफंड का कारोबार करने वाले राघवेंद्र नरवरिया व उसकी कंपनी के अन्य संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। राघवेंद्र ने उज्जैन के माधव नगर थाना क्षेत्र में चिटफंड कंपनी का दफ्तर खोला था। चिटफंड के कारोबार की जिला प्रशासन व पुलिस को भनक लगते ही ब्रांच में ताला डालकर उसके लोग गायब हो गए और इनकी कंपनी में लाखों रुपए का निवेश करने वाले ठगे गए। इसके बाद माधवनगर थाना पुलिस राघवेंद्र नरवरिया व उसकी कपंनी के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं।
थाटीपुर पुलिस ने दिया कोर्ट में आवेदन
एएसपी वीरेंद्र जैन ने बताया कि थाटीपुर थाना पुलिस ने कोर्ट में राघवेंद्र नरवरिया को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया है। उम्मीद है कि आरोपी का रिमांड मिल जाएगा।
इन बिंदओं पर होनी है पूछताछ:
बानमोर में पानी का प्लांट, जमीनें खरीदी
बीएनपी कंपनी से नजदीकी से जुड़े लोगों ने बताया कि राघवेंद्र नरवरिया ने लोगों के रुपयों से काफी समय पहले बानमोर में शुद्ध पानी का प्लांट खोला था। इसके अलावा उसने प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, यूपी और राजस्थान में जमीनें खरीदी हैं।
भतीजे की रिहाई के लिए हाजिर हुआ
चिटफंड कंपनी में निवेश किए गए 10 करोड़ रुपए राजगढ़ व शाजापुर के कंजर एक सप्ताह पूर्व आरोपी राघवेंद्र नरवरिया के भतीजे रवि को जबरन साथ ले गए और परिजनों को चेतावनी दे गए कि राघवेंद्र को 10 करोड़ रुपए लेकर भेज देना। रवि को मुक्त कराने के लिए राघवेंद्र ने भी प्रयास किए, लेकिन उसमें सफल नहीं हुआ। पुलिस ने भी रवि के अपहरण का मामला तो दर्ज कर लिया। लेकिन पुलिस भी रवि को मुक्त नहीं करा सकी। राघवेंद्र भतीजे के खातिर ही हाजिर हुआ है, क्योंकि उसके जेल जाने के बाद कोई उस पर पैंसा वसूलने के लिए सीधे दबाव नहीं बना पाएगा। इसलिए राघवेंद्र सुनियोजित योजना के तहत पब्लिक से बचने के लिए हाजिर हुआ है। पुलिस का दावा है कि रवि नरवरिया को मुक्त कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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