कटक: जमाकारियों की सूचना नहीं दी गई, प्रमाण भी नहीं मागा गया। लेकिन छोटे जमाकारियों की पहचान की गई। यह पहचान किस तरह से की गई यह सवाल उठाया है ठगी के शिकार मिलित मंच ने। राज्य में चिटफंड घोटाला सामने आने के बाद राज्य सरकार दबाव में आकर जाच के लिए कमीशन का गठन किया। कमीशन में अबतक 10 लाख से अधिक लोगों ने अर्जी दी है। इनमें से 10 हजार से कम रकम जमा करने वाले लोगों को पैसा लौटाने के लिए सरकार ने निर्णय लिया था। इसे लेकर जस्टिस एमएम दास कमीशन ने छोटे जमाकारियों की पहचान की थी जिसकी सूची घोषित की गई है।
मंच की ओर से इस पहचान प्रक्रिया का विरोध किया गया है। पहचान प्रक्रिया से पहले जमाकारियों को नहीं बुलाया गया। या उनसे किसी भी तरह का सबूत जुटाया गया। ऐसे में इस पहचान प्रक्रिया को मंच ने पूरी तरह गलत ठहराया है। इसे लेकर चिटफंड घोटाले की न्यायिक जाच करने वाली जस्टिस एमएम दास कमीशन कार्यालय के सामने मंच की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। मंच के संयोजक जयंत दास, सलाहकार सौम्यरंजन पटनायक, वरिष्ठ पत्रकार रविदास, अरुण जेना, अमरेंदु महंती, मधुसूदन विश्वाल, अनुराधा सुबुद्धि और जयकृष्ण दास की अगुआई में एक विशाल रैली कालेज चौक से निकलकर बक्सीबाजार स्थित कमीशन कार्यालय के पास पहुंची जहा विरोध प्रदर्शन किया गया।
आदोलनकारियों के मुताबिक तमाम जमाकारियों की पहचान राज्यभर में तहसील के जरिए मंच की ओर से एक महीना पहले कमीशन को सुझाव दिया गया था। इसे लेकर एक महीना तक मंच के कार्यकर्ताओं ने तमाम तहसील कार्यालय के सामने धरना पर बैठे। इसके बावजूद भी सरकार और कमीशन ने मंच को नजर अंदाज किया और उनके सुझाव पर गौर नहीं किया गया। आने वाले दिनों में इस आदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी गई है।
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