श्रीगंगानगर: चिटफंड कंपनी पर्ल्स पीएसीएल के 11 निदेशकों में से तीन को गिर$फतारी का डर सताने लगा है। इन्होंने जिला सेशन न्यायालय मे अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो अस्वीकार हो गई है। इस बीच मामले को जांच केलिए फाइल वापस आईपीएस राशि डोगरा को सौंपी गई है। जवाहरनगर पुलिस के अनुसार मामले में आरोपी चिटफंड कंपनी पल्र्स पीएसीएल के निदेशक मंडल में शामिल सुरेश कुमार, अनिल चौधरी और बलकरण सिंह भुल्लर ने 22 अगस्त को सेशन न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। तीनों डायरेक्टरों ने अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि वह अगस्त 2014 के बाद कंपनी के डायरेक्टर मनोनीत किए गए हैं जबकि कंपनी के सभी बैंक अकाउंट सेबी और सीबीआई ने उनके डायरेक्टर बनने से पहले ही फ्रीज कर दिए थे। तीनों डायरेक्टरों ने न्यायालय को अपने बचाव में बताया कि वे तीनों कंपनी के ग्राहकों को भुगतान के लिए विदेश से भारत में आए हैं और कंपनी की संपत्तियों को बेचकर ग्राहकों की मैचयौरिटी राशि का भुगतान करने का प्रयास कर रहे हैं। न्यायालय ने इनके तर्क को असंगत बताते हुए अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकार कर दी।
दिल्ली में नहीं बनी बात
इस बीच, देशभर से कंपनी के एजेंटों और ग्राहकों ने 24 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए रैली का आयोजन किया था। सभी लोग कंपनी के सीएमडी निर्मलसिंह भंगू के आवास पर गए और वहां भी प्रदर्शन किया लेकिन इस सब का कोई नतीजा नहीं निकला। चार दिन तक दिल्ली में डटे रहने के बाद सदस्य वापस लौट गए।
अब न्यायालय से ही ग्राहकों को भुगतान की उम्मीद है।
जांच अब होगी आईपीएस के पास
चिटफंड कंपनी पल्र्स के खिलाफ दर्ज मामले की जांच जवाहरनगर थाना के उप निरीक्षक दलीपकुमार कर रहे थे। उन्होंने परिवादी गोकुल वर्मा, एजेंट महेंद्रकुमार, शिवनारायण और राजेशकुमार के बयान दर्ज किए हैं। अब इस मामले की जांच आईपीएस राशि डोगरा को दी गई है। इस सबंध में पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी के आदेश से फाइल को सीओ सिटी कार्यालय भेजने के आदेश हुए हैं।