लखनऊ: भ्रष्टाचार के रिकार्ड तोड़कर धनकुबेर बन बैठे नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित मुख्य अभियंता यादव सिंह ने अपनी 40 फर्जी कंपनियों को बेचकर जुटाई रकम कहां छिपाई है, यह पता लगाने में आयकर विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
आयकर विभाग को संदेह है कि यह पैसा हवाला के जरिये विदेशों में भेजा गया और वहां रियल स्टेट और फैक्ट्रियां खोलने में इस्तेमाल हुआ. इसकी तह तक जाने के लिए आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मदद ले रहा है.
विभागीय सूत्रों के मुताबि, यादव सिंह की 40 फर्जी कंपनियों में पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होने के प्रमाण आयकर विभाग को मिले थे. बाद में उसने अचानक सभी कंपनियों को बेच दिया.
कंपनियां बेचने के बाद मिले हजारों करोड़ रुपये उसने कहां छुपाए हैं, यह पता लगाने में जुटे आयकर विभाग को अंदेशा है कि यादव सिंह ने अपनी काली कमाई देश से बाहर छुपाया है और यह बिना हवाला नेटवर्क के इतनी बड़ी रकम विदेशों में भेजना संभव नहीं है. इसलिए आयकर विभाग अब यादव सिंह और उसके करीबियों पर अपना शिकंजा कसता जा रहा है.
नप सकते हैं कई अफसर
उत्तर प्रदेश में एक मुख्य अभियंता यादव सिंह की अवैध संपत्तियों का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की छवि पर पड़े विपरीत प्रभाव से नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्राधिकरण के तमाम बड़े अधिकारियों व स्थानीय सपा नेताओं को तलब कर सख्त संदेश दिया है.
इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनोंमें कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, नाराज मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से प्राधिकरण के ऐसे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची मांगी है जो सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दिल्ली में प्राधिकरण के अधिकारियों व सपा नेताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री प्राधिकरण अधिकारियों की कार्यशैली से बेहद नाराज दिखे.
उन्होंने यादव सिंह प्रकरण को गंभीर बताते हुए ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं जो प्राधिकरण में बैठकर अपने स्वार्थ के लिए प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
उन्होंने साफ कहा कि प्राधिकरणों में दागी अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं रहने दिया जाएगा. उन्होंने जिले के सपा नेताओं को भी संदेश दिया कि वह अपने कार्यो के लिए अधिकारियों पर बेवजह दबाव न डालें. अगर कोई पार्टी नेता ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, प्राधिकरण अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को कई ऐसे स्थानीय नेताओं के नाम बताए हैं जो आए दिन प्राधिकरण अधिकारियों को पार्टी की धौंस देकर अपने उल्टे सीधे काम कराने की पैरवी करते हैं.
बताया जाता है कि इससे नाराज मुख्यमंत्री ने सपा नेताओं को भी फटकार लगाई है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी व प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं व अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने अधिकारियों से यह जानकारी भी ली कि यादव सिंह प्रकरण सामने आने के बाद क्या कार्रवाई की गई है.