कोलकाता। क्या मैं बकरा लगता हूं। गुरुवार को मीडिया के सवाल का राज्य के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने इस तरह का नाटकीय जवाब दिया। सारधा चिटफंड मामले में पूर्व मंत्री को अलीपुर अदालत में पेश किया गया था। इसी दौरान पत्रकारों ने मुकुल राय का प्रसंग उठाते हुए उनसे पूछा कि मुकुल राय तो पार्टी में वापस लौट आए हैं। क्या पार्टी ने आपको बलि का बकरा बनाया है? इस पर उन्होंने नाटकीय जवाब दिया।
सारधा चिटफंड मामले में पूर्व मंत्री एक साल से भी अधिक समय से जेल में हैं। ममता बनर्जी ने भी उनसे दूरियां बना रखी हैं। हाल में ही एक जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा था कि चोरी करने वाला चोर है। पार्टी चोर नहीं हो सकती। उनका इशारा मदन मित्रा की ओर ही था। फिर भी पूर्व मंत्री, ममता बनर्जी के प्रति अपनी वफादारी छोडऩा नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने अदालत परिसर में कहा कि मुकुल राय और शिवली साहा को पार्टी में वापस लेकर ममता बनर्जी ने अच्छा काम किया है। वह राज्य की भलाई के लिए ही काम करती हैं।
सारधा चिटफंड के मुद्दे पर सीबीआई मुकुल राय से भी पूछताछ कर चुकी है। दूसरी ओर मदन मित्रा को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौगत रायचौधरी की अदालत में पेश किया गया। हालांकि मित्रा के वकीलों की ओर जमानत की अर्जी दाखिल नहीं की गई। इसी कारण अदालत ने उन्हें 31 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मित्रा के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें प्रथम श्रेणी के कैदी की सुविधा दी जाए। उन्हें पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए क्योंकि पूर्व मंत्री विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं। मदन मित्रा के साथ सारधा मामले में गिरफ्तार शांतनु घोष तथा अरिन्दम दास उर्फ बुम्बा की भी न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई।
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