कोलकाता: राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के बीच राज्य विधानसभा में वेस्ट बंगाल प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटर्स इन फाइनेंसियल एस्टब्लिसमेन्ट संशोधन बिल 2015 पारित हो गया। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाएगा। इस बिल में चिटफंड के नाम पर ठगी करने वालों को उम्रकैद तक की कठोर सजा का प्रावधान रखा गया है।
राज्य ने केन्द्र की एक शर्त और पांच प्रस्ताव में से चार प्रस्ताव स्वीकार कर बिल में संशोधन किया है। इसके साथ ही राज्य ने केन्द्र के जुर्माना ले कर दोषियों को छोडऩे के प्रस्ताव को खारिज कर उसकी बजाय दोषियों को छह साल से लेकर आजीवन जेल की सजा का प्रावधान रखा है। केन्द्र सरकार ने राज्य के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
सदन में बिल पेश करते हुए राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि केन्द्र ने बिल में संशोधन करने के लिए एक शर्त और पांच प्रस्ताव रखे थे। इनमें से राज्य चार प्रस्ताव और आरोपी के प्रांगण में प्रवेश कर दस्तावेज की जांच-पड़ताल करने और सम्पत्ति जब्त कर उसकी नीलामी करने का प्रावधान रखने की शर्त को स्वीकार किया है।
विपक्ष ने किया विरोध
चिटफंड और अन्य वित्तीय संस्थानों के निवेशकों के हित की रक्षा करने के लिए तृणमूल के चार साल के कार्यकाल में यह बिल तीसरी बार सदन में पेश किया गया। वित्त मंत्री ने चिटफंड संबंधित वाममोर्चा के बिल के बारे में केन्द्र और राज्य के तत्कालीन वित्त सचिव को लिखे गए पत्र का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्रीय गृह सचिव ने पत्र में उक्त बिल को अधूरा करार दिया था। केन्द्र ने राज्य को लिखा था कि बिल अधूरा और इतना असक्षम है कि वह इसे राष्ट्रपति के समक्ष पेश नहीं कर पा रहा है। इस पर नेता प्रतिपक्ष सूर्यकान्त मिश्रा और वाममोर्चा के दूसरे विधायक खड़े हो कर विरोध करने लगे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी शोरगुल किया।