Vibgyor chit fund company recorded CBI seized Punjab
Admin | 16 January, 2016 | 1243 | 3980
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चिटफंडकंपनियों के खिलाफ जांच में जुटी सीबीआई ने अब पश्चिम बंगाल आधारित चिटफंड कंपनी विबग्योर के प्रबंध निदेशक (एमडी) राजा भद्र से पूछताछ शुरू कर दी है। सीबीआई ने कोलकाता में दिसंबर 2015 में राजा भद्र से कई घंटों तक पूछताछ की थी। इसके बाद अब राजा भद्र से कंपनी के कारोबार, संपत्ति पदाधिकारियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल कर इस बाबत सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। इसमें कंपनी के कुछ पदाधिकारियों से भी गत दिवस पूछताछ की है। कंपनी के पंजाब उत्तराखंड स्थित कई दफ्तरों के रिकाॅर्ड को भी कब्जे में लिया गया है।
यह जानकारी सीबीआई की तरफ से विबग्योर के खिलाफ जांच कर रही पुलिस को भी भेजी गई है। सीबीआई के अनुसार सारधा, रोजवैली और अन्य चिटफंड कंपनियों की तरह विबग्योर ने बाजार से लगभग 200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। पंजाब में ही 100 करोड़ रुपए का गबन कंपनी के प्रबंधकों की तरफ से किया गया है। बठिंडा पुलिस के एसपी नानक सिंह के पास मामले की जांच चल रही है। प्रभावित लोगों ने अपने बयान आज पुलिस के पास दर्ज करवाकर जालसाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
केसदर्ज होने के बावजूद आरोपी 8 माह से घूम रहे हैं बाहर : क्राउनकंपनी की तरफ से लोगों के साथ करोड़ों की जालसाजी के मामले में पुलिस जांच कर रही है। दूसरी तरफ विबग्योर कंपनी के पंजाब में चिटफंड के नाम पर मारी गई 200 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी में पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने में पिछले 8 माह से नाकाम हो रही है। मई, 2015 में कोतवाली पुलिस ने ठगी के मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें इंदरजीत सिंह निवासी हजूराकपूरा कालोनी की शिकायत पर कंपनी के मैनेजर दीदार सिंह, अरगमपति मन्ना, जसपाल सिंह, अमित कुमार, प्रीतम मन्ना प्रलोमा मुकुल के खिलाफ धोखाधड़ी गबन का केस दायर किया था। पंजाब के इंचार्ज गुरप्रीत नरेश वर्मा के खिलाफ पुलिस केस दायर नहीं कर रही है। हालांकि पुलिस दोनों को कई बार जांच में शामिल कर चुकी है। वहीं, ईओ विंग में उक्त लोगों के खिलाफ आधा दर्जन शिकायतें जून, 2015 से लंबित हैं।
13 प्रतिशत ब्याज का झांसा देकर फंसाया
रामपुरावासी बालकृष्ण और दान सिंह वाला वासी मंजीत सिंह ने एसएसपी बठिंडा को लिखित शिकायत दी थी। आरोप लगाया गया कि पंजाब में कोलकत्ता की विबग्योर कंपनी ने चिट फंड के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठा किया। 13 प्रतिशत मासिक ब्याज देने के साथ बाउंड पर पैसे देने की बात कही थी लेकिन कंपनी के प्रदेश इंचार्ज नरेश वर्मा उन्हें पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहा है। इस दौरान जसपाल वासी बठिंडा, किशोर कुमार वासी बलराज नगर, जतिंदर चावला वासी बठिंडा सहित 35 लोगों की पांच करोड़ रुपए से अधिक राशि कंपनी ने वापस नहीं की है। एसएसपी ने ईओ विंग को जांच के आदेश दिए। थाना कोतवाली पुलिस ने इंदरजीत सिंह निवासी हजूराकपूरा कालोनी की एक शिकायत पर जांच के दौरान कंपनी के मैनेजर दीदार सिंह, अरगमपति मन्ना, जसपाल सिंह, अमित कुमार, प्रीतम मन्ना प्रलोमा मुकुल को जालसाजी का आरोपी बनाया लेकिन कंपनी के स्टेट हेड को बाहर निकाल दिया। ईओ विंग ने दूसरी शिकायत में कार्रवाई नहीं की है।
जांच कर रही है पुलिस
चिटफंडकंपनी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। इसमें पुलिस पहले ही केस दायर कर चुकी है और इस बाबत कई आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अन्य लोगों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। स्वप्नशर्मा, एसएसपी
यह जानकारी सीबीआई की तरफ से विबग्योर के खिलाफ जांच कर रही पुलिस को भी भेजी गई है। सीबीआई के अनुसार सारधा, रोजवैली और अन्य चिटफंड कंपनियों की तरह विबग्योर ने बाजार से लगभग 200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। पंजाब में ही 100 करोड़ रुपए का गबन कंपनी के प्रबंधकों की तरफ से किया गया है। बठिंडा पुलिस के एसपी नानक सिंह के पास मामले की जांच चल रही है। प्रभावित लोगों ने अपने बयान आज पुलिस के पास दर्ज करवाकर जालसाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
केसदर्ज होने के बावजूद आरोपी 8 माह से घूम रहे हैं बाहर : क्राउनकंपनी की तरफ से लोगों के साथ करोड़ों की जालसाजी के मामले में पुलिस जांच कर रही है। दूसरी तरफ विबग्योर कंपनी के पंजाब में चिटफंड के नाम पर मारी गई 200 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी में पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने में पिछले 8 माह से नाकाम हो रही है। मई, 2015 में कोतवाली पुलिस ने ठगी के मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें इंदरजीत सिंह निवासी हजूराकपूरा कालोनी की शिकायत पर कंपनी के मैनेजर दीदार सिंह, अरगमपति मन्ना, जसपाल सिंह, अमित कुमार, प्रीतम मन्ना प्रलोमा मुकुल के खिलाफ धोखाधड़ी गबन का केस दायर किया था। पंजाब के इंचार्ज गुरप्रीत नरेश वर्मा के खिलाफ पुलिस केस दायर नहीं कर रही है। हालांकि पुलिस दोनों को कई बार जांच में शामिल कर चुकी है। वहीं, ईओ विंग में उक्त लोगों के खिलाफ आधा दर्जन शिकायतें जून, 2015 से लंबित हैं।
13 प्रतिशत ब्याज का झांसा देकर फंसाया
रामपुरावासी बालकृष्ण और दान सिंह वाला वासी मंजीत सिंह ने एसएसपी बठिंडा को लिखित शिकायत दी थी। आरोप लगाया गया कि पंजाब में कोलकत्ता की विबग्योर कंपनी ने चिट फंड के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठा किया। 13 प्रतिशत मासिक ब्याज देने के साथ बाउंड पर पैसे देने की बात कही थी लेकिन कंपनी के प्रदेश इंचार्ज नरेश वर्मा उन्हें पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहा है। इस दौरान जसपाल वासी बठिंडा, किशोर कुमार वासी बलराज नगर, जतिंदर चावला वासी बठिंडा सहित 35 लोगों की पांच करोड़ रुपए से अधिक राशि कंपनी ने वापस नहीं की है। एसएसपी ने ईओ विंग को जांच के आदेश दिए। थाना कोतवाली पुलिस ने इंदरजीत सिंह निवासी हजूराकपूरा कालोनी की एक शिकायत पर जांच के दौरान कंपनी के मैनेजर दीदार सिंह, अरगमपति मन्ना, जसपाल सिंह, अमित कुमार, प्रीतम मन्ना प्रलोमा मुकुल को जालसाजी का आरोपी बनाया लेकिन कंपनी के स्टेट हेड को बाहर निकाल दिया। ईओ विंग ने दूसरी शिकायत में कार्रवाई नहीं की है।
जांच कर रही है पुलिस
चिटफंडकंपनी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। इसमें पुलिस पहले ही केस दायर कर चुकी है और इस बाबत कई आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अन्य लोगों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। स्वप्नशर्मा, एसएसपी