मनोज कुमार, पूर्णिया: सरकार की उपेक्षा के बीच किसान चारों ओर से ठगी के शिकार हो रहे हैं। कभी नकली खाद-बीज तो कभी कृत्रिम किल्लत पैदा कर कालाबाजारी के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है। वहीं कभी सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। जैविक खाद निर्माण के नाम पर भी किसानों से ठगी की जा रही है। इसके लिए किसानों को दिए जाने अनुदान का भी मिलीभगत से घोटाला कर लिया गया है। सिर्फ जलालगढ़ प्रखंड में करीब 33 लाख अनुदान राशि का घोटाला कर लिया गया है। शिकायत पर सदर एसडीओ कुंदन कुमार ने मौके पर जाकर जांच की जिसमें घोटाले की पुष्टि हुई है। एसडीओ श्री कुमार ने बताया की वर्मी कंपोस्ट निर्माण के लिए जितनी सामग्री दी जानी थी, एजेंसी ने उसकी आधी भी उन्हें प्रदान नहीं की। साथ ही कई किसानों को तो बिना कुछ दिए ही सब्सिडी की राशि उठा ली गई। उन्होंने कहा है कि जलालगढ़ प्रखंड में वर्मी कंपोस्ट के अनुदान राशि का 33 लाख से अधिक का घोटाला हुआ है। वे जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे।
जलालगढ़ प्रखंड में वर्मी कंपोस्ट खाद निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 12-13 में 185 किसानों का चयन किया गया था। इसके तहत प्रति किसान 2 वर्मी बेड स्वीकृत किए गए। जिसके लिए 10 हजार की सामग्री किसानों को देनी थी। इसके तहत बेड, बरसम, गोबर, छप्पर आदि दिया जाना था। उस पर 50 फीसद अनुदान था। विभाग ने इसके लिए जलालगढ़ कृषि सलाहकार समिति अध्यक्ष नव किशोर विश्वास को एजेंसी नियुक्त कर दिया। लेकिन उक्त एजेंट ने किसानों को 2 के बजाय एक बेड की ही सामग्री उपलब्ध कराई वह भी काफी घटिया क्वालिटी की। वहीं कई चयनित किसानों को तो बिना कुछ भुगतान किए ही अनुदान की राशि उठा ली गई। जांच के बाद यह सामने आया है कि इसमें करीब 14 लाख की अनुदान राशि हड़प ली गई।
वहीं वित्तीय वर्ष 13-14 में प्रखंड के 165 किसानों का चयन किया गया जिन्हें चार बेड स्वीकृत किया गया। इसके तहत प्रति लाभुक 20 हजार का सामान दिया जाना था जिस पर आधा अनुदान था। लेकिन किसानों को दो बेड की ही सामग्री उपलब्ध कराई गई, उसमें भी कई किसानों को सामग्री दिए बिना ही अनुदान राशि उठा ली गई। इस तरह उक्त वित्तीय वर्ष में करीब 20 लाख का गबन कर लिया गया।
उक्त मामला तब प्रकाश में आया जब प्रखंड कृषि सलाहकार समिति के ही सदस्य राजेंद्र प्रसाद विश्वास ने सूचना अधिकार के तहत विभाग से जानकारी मांगी। विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी से इस घपले का भंडाफोड़ हुआ। जिसके बाद सदर एसडीओ कुंदन कुमार ने मौके पर पहुंच कर तहकीकात की। संबंधित लाभुकों से पूछताछ के बाद उन लोगों ने स्वीकार किया कि उन्हें स्वीकृत बेड से आधी और काफी कम सामग्री उपलब्ध कराई गई। एसडीओ को कई ऐसे लाभुक भी मिले जिसे सामग्री उपलब्ध ही नहीं कराई गई लेकिन उनकी सब्सिडी की राशि उठा ली गई। चक निवासी पप्पू सिंह ने बताया कि उन्हें अब तक कुछ भी नहीं दिया गया है। एसडीओ श्री कुमार ने इसमें बड़े पैमाने पर लाखों के घोटाले की आशंका जताते हुए कहा कि वे इसकी रिपोर्ट डीएम को देंगे।