श्याम नगर थाना पुलिस ने जौहरियों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले दो शातिर भाइयों को गिरफ्तार किया है। जयपुर के एक जौहरी को करीब तीन करोड़ की चपत लगाने के बाद दोनों भाई फरार हो गए थे जिन्हें पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार युवकों से अन्य कई वारदातें खुलने की संभावना जताते हुए पुलिस टीम इनसे गहनता से पूछताछ कर रही है।
पुलिस उपायुक्त रविदत्त गौड़ ने बताया कि नकु ल पथ लालकोठी सी-स्कीम से संचालित फर्म आनंद एण्ड आनंद सेल्स के नाम से जवाहरात का काम करने वाले आनंद विजय ने एक साल पहले मामला दर्ज करवाया था कि श्यामनगर जनपथ स्थित एक मकान में ही कृष्णा ज्वैलर्स के नाम से रत्न-आभूषण बेचने का काम करने वाले जितेन्द्र फरसोइया उर्फ डब्बू और उसके छोटे भाई वरुण फरसोइया ने उसके माल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने का झांसा देकर उससे सितम्बर 2014 में करीब दो करोड़ अस्सी लाख के पुखराज, नीलम व पन्ना ले लिया था।
ऐसे आए गिरफ्त में
कई दिनों तक दोनों आरोपी पुलिस को गच्चा देने में कामयाब रहे। लेकिन पुलिस टीम ने मंगलवार को दोनों भाइयों को घर से निकलने के दौरान दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों में जितेन्द्र की पत्नी सोनिया उनकी कंपनी में निदेशक है जिसकी भूमिका की जांच की जा रही है।
पहले भी कर चुके ठगी
पुलिस ने जब वरुण फ रसोइया और जितेन्द्र फ रसोइया की आपराधिक पृष्ठभूमि की पड़ताल की तब दोनों के खिलाफ हैदराबाद निवासी एक जौहरी संजय गुप्ता से भी तीन करोड़ रुपए के रत्न व ज्वैलरी ठगने के मामले का पता चला।रत्न व आभूषण के नाम पर जौहरियों से रुपए ठगने वाले दोनों भाइयों ने अपने घर के बेसमेंट में बने ऑफिस में कड़ी सुरक्षा घेरा बना रखा है। मेन गेट में इलेक्ट्रोनिक लॉक लगा रखा है। पुलिस का पता लगाने के लिए मकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा रखे है। बेसमेंट में हाइटेक संसाधनों और उपकरणों से कड़ा सुरक्षा घेरा बना रखा है।
ऐसे दिया था झांसा
आरोपियों ने व्यापारी को बताया कि उनका अमेरिका, तुर्की और इटली में कारोबार है और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के क्लाइंट उनसे जुड़े हुए हैं जो कि उनसे माल खरीदते हैं। आनंद विजय ने रिपोर्ट में बताया था कि उसे रत्नों और आभूषणों के ऊंचे दाम दिलाने की बात कह कर फरसोइया बंधुओं ने उससे माल ले लिया और इसके बदले पहली किश्त के रूम में 41 लाख रुपए का चेक दे दिया। करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी आनंद को ना तो बाकी के रुपए मिले और ना ही माल वापस मिला। कई बार तकादा के बाद भी आरोपी मुकरते रहे। इसके चलते उसने थाने में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया।