शारदा घोटाले में आरोपों से घिरे सांसद शृंजॉय बोस ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है. ये फ़ैसला उन्होंने इस मामले में सशर्त ज़मानत मिलने के बाद किया.
शृंजॉय बोस ने राज्य सभा की सदस्यता भी छोड़ दी है. उन्हें पिछले साल नवंबर में सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था.
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, "शृंजॉय बोस ने पार्टी और राज्य सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है."
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही ये कह रही है कि केंद्र की सत्ता में मौजूद पार्टी शृंजॉय बोस पर काफ़ी दबाव डाल रही है.
गिरफ़्तारी
शृंजॉय बोस को पिछले साल 21 नवंबर को सीबीआई की विशेष अपराध शाखा ने गिरफ़्तार किया था.
उनका इलाज सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में हो रहा था. बुधवार की शाम उन्हें सशर्त ज़मानत पर रिहा किया गया था.
अदालत ने शृंजॉय बोस को इस शर्त पर ज़मानत दी है कि वे देश नहीं छोड़ सकते हैं, वे गवाहों को धमकाएँगे नहीं और सीबीआई समन का जवाब देंगे.
शृजॉय बोस तृणमूल कांग्रेस के 12 राज्य सभा सांसदों में से एक थे.
ममता बनर्जी सरकार में खेल और परिवहन मंत्री रहे मदन मित्रा के साथ-साथ पार्टी के एक और नेता रजत मजूमदार भी इस चिटफंड घोटाले के मामले में जेल में हैं.
पार्टी के निलंबित राज्य सभा सांसद कुणाल घोष भी जेल में हैं और एक बार उन्होंने ख़ुदक़ुशी की भी कोशिश की थी.