Trinamool ministers and leaders of the spoils
Admin | 06 January, 2016 | 1105 | 3980
![Trinamool ministers and leaders of the spoils Trinamool ministers and leaders of the spoils]()
कोलकाता: चिटफंड कंपनियों के घोटालों के पीड़ितों के एक संगठन ने आरोप लगाया है कि चिटफंड कंपनियों को तृणमूल सरकार के मंत्रियों व नेताआें ने बुरी तरह लूटा है. एक संवाददाता सम्मेलन में ऑल बंगाल चिटफंड डिपोजिटर्स एंड एजेट्स फोरम के अध्यक्ष रुपम चौधरी ने कहा कि राज्य में चिटफंड कंपनियों का उदय 80 के दशक में वाम मोरचा सरकार के शासनकाल के समय हुआ. माकपा के कई नेता चिटफंड कंपनियों के कार्यक्रम में शामिल हुए. स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी चिटफंड कंपनी आइकोर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था.
इसके सबूत में श्री चौधरी ने कुछ फोटोग्राफ दिखाये. श्री चौधरी ने कहा कि यह सही बात है कि चिटफंड कंपनियों का उदय वाम मोरचा के शासनकाल में हुआ, लेकिन ये कंपनियां तृणमूल के समय फली-फूलीं. तृणमूल के कई मंत्रियों व नेताआें ने इन चिटफंड कंपनियों को खूब लूटा.
उन्होंने दावा किया कि केवल रोजवैली कंपनी ने बाजार से 70000 करोड़ एवं सारधा ग्रुप ने 55-57000 करोड़ रुपये उठाये. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य की किसी भी सरकार ने चिटफंड कंपनियों की जालसाजी को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया. नरेंद्र मोदी के गुजरात में भी 37 चिटफंड कंपनियों ने आम लोगों के 4000 करोड़ रुपये लूट लिये. उन्होंने कहा कि आेड़िशा सरकार ने चिटफंड घोटालों के पीड़ितों के लिए 3000 करोड़ रुपये का एक फंड बनाया है आैर चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर उनसे मिले पैसे भी इस फंड में शामिल कर दिया है, लेकिन तृणमूल सरकार कुछ नहीं कर रही है.
राज्य सरकार के इस रवैये के खिलाफ एवं अपनी मांगों के समर्थन में हमलोग 11 जनवरी को प्रत्येक जिले में कानून भंग आंदोलन, धरना, घेराव इत्यादि करेंगे. 29 जनवरी को दिन के 11-12 बजे तक राज्य के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों व नेशनल हाइवे पर अवरोध करेंगे. मार्च के प्रथम सप्ताह में निवेशकों व एजेंटों के परिवारवालों को लेकर धरना प्रदर्शन, दूसरे सप्ताह में प्रत्येक ब्लॉक में घेराव एवं चौथे सप्ताह में महानगर में 50 हजार लोग अनशन करेंगे. दिल्ली में संसद भवन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किये जाने की योजना है.