जमा धन को दो साल में दोगुना करने का लालच देकर निवेशकों के 15 करोड़ से ज्यादा हड़पने वाली छग की चिटफंड कंपनी सर्व मंगला प्रापर्टीज इंडिया लिमिटेड के एजेंटों के खिलाफ लंबी जद्दोजहद के बाद माड़ा और बैढ़न थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। जबकि कंपनी के निदेशकों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया। माड़ा पुलिस ने धारा 420, 409 के तहत चार लोगों के खिलाफ और बैढ़न पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक कंपनी के पास वित्तीय लेनदेन का लायसेंस नहीं था। उसे सिर्फ प्रापर्टी कारोबार की अनुमति मिली थी। बावजूद इसके कंपनी के डायरेक्टरों ने एजेंटों के जरिए धोखे से ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई कंपनी में जमा कराई और फरार हो गए। अधिवक्ता त्रिपुरारी नाथ त्रिपाठी की पहल पर किसी तरह पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्घ तो कर लिया लेकिन न तो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है और न ही निवेशकों की जमा पूंजी वापस दिलाई जा सकी है।
इस तरह हुआ शक
जानकारी के मुताबिक अवधि पूरी हो जाने के बाद भी जब कंपनी ने निवेशकों को दोगुनी राशि वापस नहीं लौटाई तब उन्हें शक हुआ और मामला पुलिस थाने तक जा पहुंचा। मामले की गंभीरता देखते हुए अधिवक्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य त्रिपुरारी नाथ त्रिपाठी ने कानूनी कार्रवाई के लिए लिखा पढ़ी की। व्यक्तिगत रूप से भेजे गए नोटिस का जवाब न आने पर उन्होंने मामले की रिपोर्ट माड़ा तथा बैढ़न थाने में कराई। काफी हीला हवाली के बाद मामला दर्ज किया।
बिना दफ्तर के चलता रहा कारोबार
अधिवक्ता त्रिपुरारी नाथ त्रिपाठी ने बताया कि लगभग आधे जिले की जनता को प्रभावित करते हुए सर्व मंगला प्रापर्टीज इंडिया लिमिटेड के नाम पर करीब 15 करोड़ रुपए जमा कराए गए, लेकिन इस कंपनी का जिले में कहीं कोई भी कार्यालय नहीं है। कंपनी ने स्थानीय युवकों को एजेंट बनाया और लोग अपनों से ही धोखा खा गए।
इनसे जमा कराए रुपए
सर्व मंगला प्रापर्टीज इंडिया लिमिटेड कोरबा छत्तीसगढ़ के खिलाफ अमिलवान गांव थाना माड़ा निवासी रामसुभग शर्मा ने 2 अगस्त को रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया कि पिडख़ुडी निवासी लक्ष्मण कुशवाहा ने कंपनी का एजेंट बनकर उनसे संपर्क किया और 1,53,500 रुपए जमा कराए। इसकी रसीद भी कंपनी ने जारी की है। कुछ दिन बाद रामसुभग के पास गांव का ही पुष्पराज नाई आया। उसके कहने पर उन्होंने पत्नी सुन्दरी देवी के नाम एक लाख पांच हजार रुपए कंपनी में जमा कराए। रामसुभग को जब पता चला कि कंपनी भाग गई तब वे रिपोर्ट करने थाने पहुंचे। इसी प्रकार चितरवई कला थाना बैढ़न निवासी कन्हैया लाल शाह से भी आरोपियों ने दो वर्ष में धन दोगुना करने के प्रलोभन देकर 62 हजार रुपए जमा कराए हैं। इसी तरह अन्य लोगों से रुपए जमा कराए गए थे।
धोखाधड़ी के ये भी हुए शिकार
रूपनारायण खैरवार, राममनोहर नामदेव, रामसूरत प्रजापति, कन्हैया लाल कुशवाहा, मोहन लाल कुशवाहा, छोटेलाल खैरवार(सभी निवासी अमिलवान), तिलक प्रसाद शाह, गदा प्रसाद शाह, पवन कुमार शाह( सभी निवासी अमरा), नारायण विंद, लाले लाल कुशवाहा, (कथुरा), ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, तुलसी दास दूबे (पिडख़ुडी), ब्यासजी जायसवाल (सखौहा) के अलावा अन्य कई लोग है जिन्होंने पैसे जमा कराए हैं।
6 करोड़ 66 लाख रुपए स्वीकारे
दो वर्षो में जमा की ग राशि को दोगुना करने का प्रलोभन देकर जिले के विभिन्ना अंचलो से 6 करोड़ 66 लाख, 41 हजार, 365 रुपए जमा कराने की बात कंपनी के एजेंटों ने न्यायालय में स्वीकार की है।
खारिज हुए अग्रिम जमानत के आवेदन
सर्व मंगला प्रापर्टीज इंडिया लिमिटेड के नाम पर धोखाधड़ी के आरोपियों द्वारा प्रथम सत्र न्यायाधीश के समक्ष अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया था। जिसमें न्यायाधीश ने कारणों को इंगित करते हुए कहा कि प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन पत्र बल रहित है और इसे निरस्त किया जाता है। न्यायालय ने चिंता व्यक्त की कि इस संबंध में निर्दोष निवेशकों की राशि को कैसे सुरक्षित किया जाए। हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा भी अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त करते हुए कहा गया कि निवशकों की राशि वापस करके आवेदक को आत्म समर्पण करना होगा तब आवेदन पर विचार किया जायेगा।
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