TRAI has reduced the connection charge, Will lose Telecom Tariff

TRAI has reduced the connection charge, Will lose Telecom Tariff

नई दिल्ली - टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने देश में फिक्स्ड लाइन फोन कनेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को उन चार्जेज को हटा दिया जो एक लैंडलाइन सर्विस देने वाली कंपनी को अपने ग्राहक की फोन कॉल ट्रांसमिट (एक जगह से दूसरी जगह भेजने) करने के लिए दूसरे सर्विस प्रवाइडर्स को देने होते हैं। ट्राई के इस कदम से लैंडलाइन कॉल का टैरिफ घटने की उम्मीद है। अब लैंडलाइन से लैंडलाइन या लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करने के लिए इंटरकनेक्शन चार्ज नहीं लगेगा, जो कि 20 पैसे होता है। इसके अलावा, टेलिकॉम रेग्युलेटर ने मोबाइल फोन के जरिए की जाने वाली कॉल्स पर नेटवर्क इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज (आईयूसी) को करीब 30 फीसदी घटाकर 20 पैसे से 14 पैसे कर दिया है।



जब तक इंटरकनेक्शन अरेंजमेंट्स न हों तब तक टेलिकॉम सब्सक्राइबर्स एक दूसरे से बातचीत नहीं कर सकते या दूसरे नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकते। एक टेलिकॉम कंपनी का कस्टमर जब किसी दूसरे नेटवर्क पर कॉल करता है तो उसे इंटरकनेक्शन चार्ज देना होता है। यह कन्जयूमर की ओर से दिए जाने वाले फाइनल प्राइस में जुड़ जाता है। ट्राई ने कहा है, 'हमारी राय है कि अगर वायरलाइन से लेकर वायरलेस कॉल्स के लिए मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज (एमटीसी) को जीरो कर दिया जाता है तो वायरलाइन ऐक्सेस प्रवाइडर्स इनोवेटिव टैरिफ पैकेज (उदाहरण के तौर पर फ्लैट रेंटल के साथ अनलिमिटेड या अच्छी संख्या में आउटगोइंग कॉल्स) दे पाएंगे।'



मोबाइल फोन पर इनकमिंग कॉल्स मुफ्त किए जाने के बाद से देश में लैंडलाइन कनेक्शंस में तेज गिरावट आई है। 2014 के आखिर में जहां मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या अपने अब तक के उच्चतम स्तर 94.39 करोड़ पर पहुंच गई थी। वहीं, लैंडलाइन कनेक्शंस सिर्फ 2.7 करोड़ ही रह गए थे। लैंडलाइन कनेक्शंस के मामले में सरकारी कंपनी बीएसएनएल का दबदबा है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 62.71 फीसदी है। वहीं, एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी 13.04 फीसदी, भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 12.55 फीसदी, टाटा टेलिसर्विसेज की 5.98 फीसदी और रिलायंस कम्यूनिकेशंस की 4.39 फीसदी है।



प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां मुख्यतौर पर ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराने के लिए लैंडलाइन का इस्तेमाल करती हैं। मोबाइल सेगमेंट में भारती एयरटेल का 23.01 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट पर दबदबा है। वहीं, वोडाफोन के पास 18.93 फीसदी, आइडिया सेलुलर के पास 15.95 फीसदी, रिलायंस कम्यूनिकेशंस के पास 11.26 फीसदी, बीएसएनएल के पास 8.62 फीसदी, एयरसेल के पास 8.33, टाटा टेलिसर्विसेज के पास 7.01 और यूनिनॉर के पास 4.62 फीसदी हिस्सेदारी है।


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  • 24 February, 2015
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