चिटफंड में सैकड़ों लोगों ने गंवाए दो करोड़ रुपए
मेच्युरिटी पूरी होने पर कंपनी ने खड़े किए हाथ, घर से पैसे दे रहे हैं एजेंट
JAMSHEDPUR: सिटी में चिटफंड का एक और मामला सामने आया. जशोदा नेटवर्क मार्केटिंग सर्विसेस लिमिटेड और जशोदा रियल स्टेट की जशोदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम से फर्जीवाड़ा किया गया है. नन बैंकिंग कारोबार के नाम पर लोगों से ख् करोड़ रुपए की उगाही की गई है. कंपनी कोलकाता की है. साल ख्0क्ख् से उत्तम दत्ता नामक व्यक्ति इसे जमशेदपुर में चला रहा था. बिष्टुपर में कंपनी का ऑफिस भी था, जहां से मंथली, हाफ इयरली और इयरली स्कीम्स के नाम पर लोगों से पैसा निवेश कराया गया. इस काम के लिए उत्तम दत्ता ने दो सौ से ज्यादा एजेंट बहाल किया था. मैच्युरिटी पूरी होने के बाद किसी भी इन्वेस्टर को दोगुना तो दूर मूलधन भी रिटर्न नहीं मिला. एजेंटों के लिए इन्वेस्टर्स अब सिरदर्द बन गए हैं. एजेंटों का घर से बाहर निकलना भी मुहाल हो गया है. इन्वेस्टर एजेंटों के घर का चक्कर लगा रहे हैं और एजेंट कंपनी के दफ्तर में जाते-जाते थक चुके हैं. थक हार कर दर्जनभर से अधिक एजेंट गुरुवार को एसएसपी से मिलकर जशोदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ शिकायत की. एसएसपी ने मामले को एसपी के पास ट्रांसफर कर दिया है.
निवेश कराया है पैसा
एजेंट पिंटू डे ने बताया कि पांच साल में रकम को दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को बहलाया गया. मंथली प्लान के तहत एमआईएस चलाया जाता था. एक साल तक इसके लिए पैसे निवेश कराया गया. एडवांस बुकिंग डिपॉजिट (एबीडी), एमआईएस, आरडी, एफडी सहित कई तरह के स्कीम चलाकर ठगी की जाती थी.
मिलता था प्रलोभन
जशोदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संचालकों ने पैसे निवेश कराने के एवज में साइकिल, पंखा, फ्रीज, एसी, वॉशिंग मशीन से लेकर कार तक देने की बात कही थी. कंपनी ने जमशेदपुर में ख्00 एजेंटों भी बहाल किए थे. आमलोगों से पैसा निवेश कराने पर एजेंटों को कमीशन दिया जाता था, लेकिन मैच्युरिटी पूरा होते ही कंपनी एजेंटों को टरकाने लगी. उनका कमीशन भी बंद हो गया.
मजदूरी कर लौटा रहे हैं पैसा
एजेंटों ने बताया कि पाई पाई जोड़कर पैसा बनाया था, लेकिन चिटफंड के चक्कर में सब कुछ खत्म हो गया. हालत यह है कि अब निवेशकों के पैसे खुद ही लौटाना पड़ रहा है. मेहनत मजदूरी कर कुछ लोगों का पैसा भी वापस ि1कया है.
ऑफिस बंद किया
एजेंटों ने पुलिस को बताया कि पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड मामला सारधा घोटाले के बाद कंपनी ने जमशेदपुर में अपना ऑफिस बंद कर दिया. एजेंटों ने जब कंपनी के मैनेजिंग डाइरेक्टर पूर्णशंकर गांगुली से संपर्क किया तो सभी एजेंटों को मिदनापुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया गया. लेकिन वहां सिर्फ आश्वासन ही मिला. जमशेदपुर से एजेंट चार बार वहां गए लेकिन हमेशा कोई न कोई बहाना बताकर टाल दिया गया.
गोविंदपुर थाना में लंबित है मामला
एजेंटों ने एसएसपी को बताया कि मामले को कोर्ट लेकर गए थे. कोर्ट ने परसुडीह थाना को जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया था. फिलहाल यह मामला गोविंदपुर थाने में है. एजेंटों ने कहा थाना में मामला काफी दिनों से पड़ा है. इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है. एजेंटो ने एसएसपी से मामले पर जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया.
कंपनी ने लालच देकर लोगों से पैसा निवेश कराया. अब पैसे वापस करने से मुकर रही है. सभी एजेंटों को घर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है.
बेहतर जीवन का सपना दिखाकर लोगों के साथ कंपनी ने धंधा किया. ऐसी कंपनियां सिर्फ पैसे की नहीं बल्कि विश्वास की भी ठगी करती हैं.
ख्भ्0 लोगों का पैसा इन्वेंस्ट कराया था. मेच्युरिटी पूरी होने के बाद कंपनी ने तो कोई स्कीम दिया और न ही पैसे वापस किए. यहां तक कि पाई-पाई का कमाया हुआ पैसा भी खत्म हो गया.
जीवन में ऐसी घटनाओं से सीख मिली कि मेहनत की कमाई पर ही आसरा करना चाहिए. पैसे दोगुना का लालच देने वाली कंपनियों से हमेशा सावधान रहना होगा.