The police removed 21 days ago, SHO reached the 25 lakh bribe
Admin | 16 December, 2015 | 577 | 3980
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भादरा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चूरू की टीम ने सोमवार को गोगामेड़ी थाना प्रभारी रहे सतवीर पूनिया उसके दलाल भजनलाल सोनी को 25 हजार रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया है। मामले का रोचक पहलू यह है कि पूनिया को 24 नवंबर को ही गोगामेड़ी थाने से हटाकर नोहर डीएसपी कार्यालय में अटैच कर दिया गया था। लेकिन पूनिया ने थाने में बने अपने क्वार्टर को घूसखोरी का अड्डा बना रखा था।
पूनिया ने परिवादी से चिटफंड कंपनी में फंसे रुपए वापस दिलवाने के एवज में 25 हजार रुपए मांगे थे। घूस की राशि दलाल भजनलाल सोनी के कब्जे से गोगामेड़ी थाना परिसर में ही मिली। परिवादी नेठराना के दीपू चाचाण ने चूरू एसीबी में शिकायत की थी कि वह भादरा में पुराने सिनेमा हॉल के सामने मेडिकल स्टोर चलाता है। कुछ दिन पूर्व भादरा के ही मनोज कुमार ने एक चिटफंड कंपनी में उसका खाता खोला था।
उसने खाते में 75 हजार रुपए जमा करवा दिए लेकिन जब उसे पता चला कि कंपनी भागने वाली है तो उसने मनोज से जमा करवाए हुए रुपए वापस मांगे लेकिन मनोज ने रुपए देने से मना कर दिया। इसके बाद दीपू चाचाण ने गोगामेड़ी थाने में एफआईआर के लिए प्रार्थना-पत्र दिया। उधर, ट्रैप की कार्रवाई के बाद पूनिया के राजगढ़ स्थित पैतृक मकान की भी तलाशी ली गई। वहां कुछ नहीं मिला।
एक ऐसा थाना, जहां पूर्व थाना प्रभारी से लेकर दलाल तक सब सक्रिय
सोमवार सुबह दीपू पूर्व थाना प्रभारी सतवीर पूनिया को 25 हजार रुपए देने थाने में पहुंचा। पूनिया ने अपने दलाल भजनलाल सोनी को रुपए देने को कहा। दीपू भजनलाल को रुपए देकर बाहर आया और एसीबी टीम को इशारा कर दिया। इसके बाद टीम ने दलाल भजनलाल पूर्व थाना प्रभारी सतवीर पूनिया को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान दलाल के जेब से 25 हजार रुपए बरामद हो गए। इस पर उसे भी पकड़ लिया गया।
केस की बजाय मामला ले-देकर सेटल करवाया
चिटफंड वाले मनोज ने पुलिस की समझाइश पर गोगामेड़ी थाने में ही किसी पुलिसकर्मी को 65 हजार रुपए दे दिए। जब दीपू पूर्व थाना प्रभारी पूनिया से 65 हजार रुपए लेने गया तो पूनिया ने उससे 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस पर दीपू ने एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी के सीआई लीलाधर जांगिड़ ने मामले का सत्यापन करवाया। फिर सोमवार सुबह चूरू की टीम ने हनुमानगढ़ एसीबी के एएसपी सहीराम बिश्नोई के साथ संयुक्त रूप से ट्रैप की कार्रवाई की।
पूनिया के सरकारी क्वार्टर से मिला प्रार्थना पत्र
एएसपी सहीराम बिश्नोई ने बताया कि परिवादी दीपू ने थाने में जो प्रार्थना पत्र दिया था। वह तलाशी के दौरान सतवीर पूनिया के सरकारी क्वार्टर से बरामद हुआ। मामले में गंभीर बात यह है कि जिस दिन प्रार्थना पत्र दिया, उसी दिन पूनिया को थाने से हटा दिया गया था। केस दर्ज करने के बजाय पूनिया ने थाने के ही पुलिसकर्मियों को मामला सेटल करने में लगाए रखा और नए थाना प्रभारी को इसकी भनक भी नहीं लगी। फिर, थाने में दलाल का खुला आना-जाना भी कई सवाल खड़े करता है।
किसी थाने में छह माह से ज्यादा नहीं रहा थाना प्रभारी
कांस्टेबल से प्रमोट होकर थाना प्रभारी पद तक पहुंचे सतवीर पूनिया किसी भी थाने में छह माह से ज्यादा नहीं रह पाए। हनुमानगढ़ में तो किसी थाने में दो माह से ज्यादा नहीं रहे। गोगामेड़ी थाने में उन्हें दो माह पहले ही लगाया गया था। 24 नवंबर 2015 को नोहर डीएसपी कार्यालय में अटैच किया गया था। वे 2009 में भिरानी थाना प्रभारी थे, तब लॉकअप में एक आरोपी की मौत हो गई थी। इस आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था। उनका पांच साल का सेवाकाल बाकी है।
रिश्वत का आरोपी थाना प्रभारी सतवीर पूनियां (गोल घेरे में)।
थाने में नहीं, क्वार्टर में हुई कार्रवाई: थानाप्रभारी
पुलिसथाना प्रभारी विशु शर्मा ने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी सतवीर पूनिया का क्वार्टर थाना परिसर में है। वे यहां अपने क्वार्टर में आए हुए थे तथा वहीं पर परिवादी से बात करते थे। एसीबी टीम ने भी कार्रवाई उनके क्वार्टर में की।
पूनिया ने परिवादी से चिटफंड कंपनी में फंसे रुपए वापस दिलवाने के एवज में 25 हजार रुपए मांगे थे। घूस की राशि दलाल भजनलाल सोनी के कब्जे से गोगामेड़ी थाना परिसर में ही मिली। परिवादी नेठराना के दीपू चाचाण ने चूरू एसीबी में शिकायत की थी कि वह भादरा में पुराने सिनेमा हॉल के सामने मेडिकल स्टोर चलाता है। कुछ दिन पूर्व भादरा के ही मनोज कुमार ने एक चिटफंड कंपनी में उसका खाता खोला था।
सोमवार सुबह दीपू पूर्व थाना प्रभारी सतवीर पूनिया को 25 हजार रुपए देने थाने में पहुंचा। पूनिया ने अपने दलाल भजनलाल सोनी को रुपए देने को कहा। दीपू भजनलाल को रुपए देकर बाहर आया और एसीबी टीम को इशारा कर दिया। इसके बाद टीम ने दलाल भजनलाल पूर्व थाना प्रभारी सतवीर पूनिया को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान दलाल के जेब से 25 हजार रुपए बरामद हो गए। इस पर उसे भी पकड़ लिया गया।
चिटफंड वाले मनोज ने पुलिस की समझाइश पर गोगामेड़ी थाने में ही किसी पुलिसकर्मी को 65 हजार रुपए दे दिए। जब दीपू पूर्व थाना प्रभारी पूनिया से 65 हजार रुपए लेने गया तो पूनिया ने उससे 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस पर दीपू ने एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी के सीआई लीलाधर जांगिड़ ने मामले का सत्यापन करवाया। फिर सोमवार सुबह चूरू की टीम ने हनुमानगढ़ एसीबी के एएसपी सहीराम बिश्नोई के साथ संयुक्त रूप से ट्रैप की कार्रवाई की।
एएसपी सहीराम बिश्नोई ने बताया कि परिवादी दीपू ने थाने में जो प्रार्थना पत्र दिया था। वह तलाशी के दौरान सतवीर पूनिया के सरकारी क्वार्टर से बरामद हुआ। मामले में गंभीर बात यह है कि जिस दिन प्रार्थना पत्र दिया, उसी दिन पूनिया को थाने से हटा दिया गया था। केस दर्ज करने के बजाय पूनिया ने थाने के ही पुलिसकर्मियों को मामला सेटल करने में लगाए रखा और नए थाना प्रभारी को इसकी भनक भी नहीं लगी। फिर, थाने में दलाल का खुला आना-जाना भी कई सवाल खड़े करता है।
कांस्टेबल से प्रमोट होकर थाना प्रभारी पद तक पहुंचे सतवीर पूनिया किसी भी थाने में छह माह से ज्यादा नहीं रह पाए। हनुमानगढ़ में तो किसी थाने में दो माह से ज्यादा नहीं रहे। गोगामेड़ी थाने में उन्हें दो माह पहले ही लगाया गया था। 24 नवंबर 2015 को नोहर डीएसपी कार्यालय में अटैच किया गया था। वे 2009 में भिरानी थाना प्रभारी थे, तब लॉकअप में एक आरोपी की मौत हो गई थी। इस आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था। उनका पांच साल का सेवाकाल बाकी है।
रिश्वत का आरोपी थाना प्रभारी सतवीर पूनियां (गोल घेरे में)।
थाने में नहीं, क्वार्टर में हुई कार्रवाई: थानाप्रभारी
पुलिसथाना प्रभारी विशु शर्मा ने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी सतवीर पूनिया का क्वार्टर थाना परिसर में है। वे यहां अपने क्वार्टर में आए हुए थे तथा वहीं पर परिवादी से बात करते थे। एसीबी टीम ने भी कार्रवाई उनके क्वार्टर में की।