उज्जैन: अन्नपूर्णा नगर निवासी अशोक मकवाना ने नौकरी के लिए नौकरी डॉट कॉम पोर्टल पर आवेदन किया था। 2 जून को इंटरव्यू भी दिया। पोर्टल हेड के बैंक खाते में 1.80 लाख जमा किए। बावजूद इसके न तो नौकरी मिली और न ही रुपए। अब नौकरी देने के नाम पर 35 हजार की और डिमांड की जा रही है। अशोक ने पोर्टल हेड पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
अशोक ने पुलिस को बताया पोर्टल के 12 खंबा मेट्रो स्टेशन दिल्ली स्थित कार्यालय में उसने नौकरी के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था। 2 जून को उसका टाटा मोटर्स में नौकरी के लिए इंटरव्यू लिया गया। कंपनी हेड कबीर अग्निहोत्री ने 1.80 लाख रुपए किश्तों में एसबीआई के खाते (34721962401) में जमा कराए। उसे बताया गया कि ज्वाइनिंग लेटर और ऑफर लेटर कोरियर कर दिया गया है।
एक हफ्ते में उसके पास कोरियर पहुंच जाएगा। पूरा जून बीत जाने के बाद भी जब कोरियर नहीं मिला तो उसने कंपनी में फोन किया। उसे बताया गया कि 35 हजार रुपए और जमा करेंगे तो ज्वाइनिंग लेटर भेजा जाएगा। अशोक ने एसपी एमएस वर्मा से कंपनी हेड पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। कंपनी हेड कबीर अग्निहोत्री से उनका पक्ष जानने के लिए 09266626138 व 09266626132 पर फोन किया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
1.80 लाख दिए, फिर भी नहीं मिली नौकरी रातोंरात अमीर बनने का सब्जबाग दिखाकर एक और चिटफंड कंपनी लोगों के करोड़ों रुपए लेकर चंपत हो गई। ठगी के शिकार हुए लोगों ने 4-5 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। एसपी ने माधवनगर पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं।
नौकरी डॉट कॉम के हेड पर धोखाधड़ी के आरोप देवास के गणेशपुरी निवासी बंशीलाल गुराड़िया, भागीरथ, ओमप्रकाश पटेल ने मंगलवार को एसपी एम एस वर्मा से मुलाकात कर बताया कि फ्रीगंज स्थित मनी ट्रेड सेंटर बिल्डिंग में अलौकिक निर्माण कंपनी लि. का कार्यालय था। कंपनी के एजेंटों ने उन्हें धन दोगुना करने का सब्जबाग दिखाया। आरडी और एफडी के नाम पर एक करोड़ से अधिक की धनराशि जमा कराई। उनकी तरह सीहोर, देवास, उज्जैन, हरदा के सैकड़ों लोगों से पैसे जमा कराए गए। वर्ष 2009 से अब तक करीब 4-5 करोड़ रुपए कंपनी में लोगों ने निवेश किए। उन्हें मेच्युरिटी अमाउंट के रूप में पाॅलिसी बांड और रसीदें दी गईं। मेच्युरिटी के दो साल बाद तक उन लोगों को धनराशि नहीं लौटाई गई। कंपनी के डायरेक्टर्स से जब भी इस बावत बात की तो वे हमेशा पैसे जल्द लौटाने की बात कहते। बंशीलाल ने बताया पिछले साल कंपनी का कार्यालय अचानक बंद हो गया। एसपी ने कहा कि मामले में पूरी पड़ताल होगी। कोशिश की जाएगी कि लोगों का पैसा वापस मिले।
ये हैं डायरेक्टर: केदार नागर पिता राम प्रसाद निवासी संचार नगर इंदौर, रामदयाल सेन निवासी सीहोर, सुशीला परमार पति रामप्रसाद परमार निवासी देवास, कृष्णा सोलंकी निवासी देवास और नरेंद्र राठौर निवासी सारंगपुर राजगढ़।
ऐसे देते थे लालच
बंशीलाल ने बताया कंपनी एजेंट लोगों को फिक्स डिपॉजिट कराने पर पांच साल में राशि दोगुनी और आरडी कराने पर डेढ़ गुनी करने का लालच देते। झांसे में आकर लोग गाढ़ी कमाई कंपनी में जमा कर देते। कंपनी के डायरेक्टर्स चोरी छिपे कार्यालय खोलते हैं। लोगों को कंपनी की दूसरी पॉलिसियों के बारे में बताकर भ्रमित करने का खेल चल रहा है।
'' नौकरी के नाम पर ठगी की शिकायत मिली है। जांच माधवनगर पुलिस को सौंपी गई है।''- एमएस वर्मा, एसपी।