The multi-crore cheating YASH Group will attach property, The second case of state
Admin | 30 April, 2016 | 996 | 3980
रायपुर.यश ग्रुप ऑफ कंपनी में जिन लोगों ने रुपए निवेश किया है, उनके लिए राहत की खबर है। जिला प्रशासन ने यश ड्रीम रीयल इस्टेट लिमिटेड के सभी डायरेक्टरों की प्रॉपर्टी कुर्क करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। अब कुर्की में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। प्रदेश में किसी चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी कुर्क करने का प्रदेश में यह दूसरा प्रकरण है। इससे पहले राजनांदगांव में जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की थी।
23 अप्रैल को ही सक्षम व जिला दंडाधिकारी ने इसके लिए आदेश जारी कर विशेष न्यायाधीश को पत्र भेजा है।
मामले को लेकर कलेक्टर न्यायालय में पखवाड़ेभर पहले सुनवाई हुई थी। तब कलेक्टर ने दोनों पक्षों को सुना और इसके बाद अपना तर्क दिया और 23 अप्रैल को प्रॉपर्टी कुर्क करने आदेश जारी किया। मामले में निवेशकों ने 20 अगस्त को सुपेला थाने में मामला दर्ज कराया। तब पुलिस ने कार्रवाई की।
क्या था मामला, जानिए...
- यश ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टरों ने लोगों को रुपए डबल करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगे। उनके पैसे जमीन पर लगाने की बात कहकर रुपए इन्वेस्ट कराया।
- वहीं लोगों के रुपए कुछ सालों में डबल कर देने की स्कीम चलाई। प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, ओडिशा, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों के लोगों से रुपए इन्वेस्ट कराया।
- दिसंबर 2014 के बाद से निवेशकों को ब्याज मिलना भी बंद हो गया। उन्हें कंपनी की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो निवेशकों ने सुपेला पुलिस में एफआईआर कराया।
कंपनी के डायरेक्टरों का कलेक्टर को बयान
अमित श्रीवास्तव, डायरेक्टर
14 दिसंबर 2014 को सेबी ने जांच के तहत प्रॉपर्टी विक्रय करने पर रोक लगाई। असुविधा हुई, जिसके कारण भुगतान नहीं हो पाया। प्रॉपर्टी कुर्क न किया जाए। रुपए लौटाने के लिए समय देना चाहिए।
नितिन श्रीवास्तव, डायरेक्टर
कंपनी ने 2008 से 2015 तक बराबर भुगतान किया। 16 दिसंबर 2014 से सेबी ने रोक लगाई। इसलिए भुगतान नहीं कर पाए। जिन निवेशकों को जमीन चाहिए, उन्हें हम जमीन दे देंगे। जो पैसा लेना चाहते हैं, उन्हें पैसा दे देंगे। जमीन बेचने के लिए समय दिया जाए।
रीभा श्रीवास्तव
मैं गृहिणी और यश ड्रीम रीयल इस्टेट की डायरेक्टर हूं। कंपनी की प्रॉपर्टी के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। पति अमित व देवर नितिन ही पूरा काम देखते थे। इसलिए कुछ नहीं जानती। कुर्क के संबंध में कुछ नहीं कहूंगी।
नीता श्रीवास्तव
मैं गृहिणी हूं। यश ड्रीम रीयल इस्टेट की कोई डायरेक्टर भी नहीं हूं। पति नितिन ने जहां हस्ताक्षर करने कहा। वहां किए। कंपनी के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। कंपनी की प्रॉपर्टी कुर्क होती है तो कोई आपत्ति भी नहीं। मैं निर्दोष हूं।
दीपक, सिंधू सिघारे
पूजा टंडन ने अपने कथन में कहा है कि, वे कंपनी में कार्यरत है। यश ड्रीम रियल इस्टेट की प्रॉपर्टी कुर्क न किया जाए। कंपनी निवेशकों के रकम को अपने स्तर से वापस करने के लिए तैयार है।
रुपए लौटाने की प्लानिंग नहीं, कुर्क की कार्रवाई
यश ग्रुप मामले की सुनवाई कलेक्टर न्यायालय में पखवाड़ेभर पहले ही हुई। तब कलेक्टर आर. शंगीता ने दोनों पक्षों की सुनवाई कर बयान लिए थे। तब ग्रुप के डायरेक्टर व आरोपी अमित श्रीवास्तव ने निवेशकों के रुपए लौटाने की बात कही थी। लेकिन वह रुपए कैसे लौटाएगा यह कलेक्टर को नहीं बताया। इसलिए कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 10 के तहत निक्षेपकों के संपत्ति की प्रतिसंदाय के लिए यश ड्रीम रीयल इस्टेट की प्रॉपर्टी कुर्क करने के लिए आदेश दिया।
यहां की प्रॉपर्टी होगी कुर्क
निवेशकों ने सुपेला पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि, कंपनी ने 29 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी की। जिसमें से 17 एकड़ जमीन शारदा डेवलपर्स को हस्तांतरित की गई। तकरीबन 14 करोड़ 46 लाख 84 हजार रुपए की जमीन आंकी गई है। जिसे कुर्क करने के लिए कहा गया है। हनाेदा, कोहका, उमदा, अखरा, नगपुरा, गुढ़ियारी, अंजाेरा, अंडा, पाटन, कोहका, उमदा, जामुल, खुरसुनी, रिसाली, महमरा, करंगा, कुकदा में कंपनी की जमीन है।