भोपाल। चिटफंडी पुष्पेंद्र सिंह बघेल सांई प्रकाश के अलावा भी आधा दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियां अलग-अलग नामों से पांच राज्यों में संचालित कर रहा था। पुलिस द्वारा की जा रही प्रारंभिक जांच में शुक्रवार को यह बड़ा खुलासा हुआ है। इन कंपनियों में वह लोगों से करोड़ों रुपए का निवेश करा चुका है। बघेल की गिरफ्तारी के बाद भी इनमें निवेश जारी है।एसपी अंशुमान सिंह बघेल द्वारा शुक्रवार को पुष्पेंद्र से लगभग तीन घंटे तक की गई पूछताछ में उसने यह जानकारी दी है। बघेल ने स्वीकार किया कि उसकी अधिकतर कंपनिया रजिस्टर्ड नहीं है। वह कंपनियों को मल्टीनेशनल बताकर निवेश कराता था।
केन्द्रीय मंत्रालय के फर्जी दस्तावेज
पुष्पेन्द्र फर्जीवाड़े में भी माहिर है। कई सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं के फर्जी दस्तावेज उसने तैयार किए थे। यह खुलासा सेन्ट्रल मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर के एक पत्र से हुआ है। दरअसल पुलिस ने कृषि क्षेत्र में निवेश कराने वाली पुष्पेन्द्र की चंबल-मालवा कंपनी के रजिस्ट्रेशन की जानकारी के लिए कृषि मंत्रालय को पत्र लिखा था। मंत्रालय ने इस नाम की कोई भी कंपनी रजिस्टर्ड होने से मना किया है।
वेबसाइट पर दी झूठी जानकारी
पूछताछ में बघेल ने यह भी स्वीकार किया कि उसने सांई प्रकाश पॉवर इंडिया नाम की वेबसाइट बना कर उसमें फर्जी पावर प्रोजेक्ट दिखा रखे हैं। वह इन पॉवर प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपए लोगों से ठग चुका है। एसपी सिंह ने बताया कि उसके फर्जी पावर प्रोजेक्ट में निवेश की जांच की जा रही है।
भोपाल में चार करोड़ का मकान
जनपद पंचायत के चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को जो शपथ पत्र दिया गया था उसमें पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने अपनी और पत्नी की १७ करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बताई है। इसमें भोपाल मेंनगर निगम के वार्ड २६ के विवेक नगर में मकान भी शामिल है। इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपए बताई गई है।
भोपाल पुलिस से करें शिकायत
एसपी अशुमान सिंह ने बताया कि जिन लोगों ने पुष्पेंद्र की कंपनी में पैसा लगाया है वे यहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भोपाल पुलिस जीरो पर मामला दर्ज कर संबंधित थाना को जांच के लिए सौंपेगी। साथ ही पुलिस उसके और परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है।