बर्न: काले धन के मसले को लेकर संसद से सड़क तक जमकर बवाल मचा है तो दूसरी ओर विभिन्न नामों को सार्वजनिक किया जा रहा है। यही नहीं मामले में केंद्र सरकार स्विटजरलैंड से भी चर्चा करने में लगी है। यही नहीं सरकारी राजपत्र में भारत के सैयद मोहम्मद मसूद और चांद कौसर मोहम्मद का नाम सम्म्लित किया गया है। यह दूसरा मौका है जब काले धन को लेकर नाम सार्वजनिक किए गए हैं उल्लेखनीय है कि कालेधन को गठित की गई जांच समिति के सामने विभिन्न नामों की सूची प्रस्तुत की गई। इसके बाद इस मसले पर कुछ और नाम सामने आए हैं। मिली जानकारी के अनुसार भारत को दोनों नाम पहले ही बता दिए गए दूसरी ओर अधिसूचना को लेकर नाम प्रकाशित कर दिए गए हैं।
यही नहीं अधिसूचना में बहामास की इकाई वार्फ लिमिटेड से मसूद के गठजोड़ की बात सामने आई है। यही नहीं मामले में पोंजी स्कीम घोटाले में पहले से ही जांच जारी है। यही नहीं कुछ खातों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सीज किया गया है। यही नहीं मामले को लेकर अन्य नामों का खुलासा भी हो गया है इस मामले में मोकोपाने लिमिटेड, सोरवुड डेवलपमेंट, काइनेटिक होल्डिंग्स लिमिटेड, एनरिड एलएलसी और एलिया, मैनेजमेंट का नाम प्रकाशित किया गया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के गठन से पहले ही कालेधन को देश में वापस लाए जाने पर चर्चा की गई थी।
सरकार के अस्तित्व में आते ही कालेधन को लेकर एसआईटी का गठन किया गया। मामले में कुछ नामों को सामने लाया गया इसमें श्री डाबर का नाम भी सामने आया। हालांकि इस मसले पर राजनीति गरमा गई और संसद में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने वाॅक आउट तक कर दिया। मामले को लेकर सरकार ने अपना पक्ष रखा और कार्रवाई की जानकारी दी।