कोलकाता, जागरण संवाददाता। सारधा घोटाले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शनिवार को पहली बार अदालत में पेश किया गया। अलीपुर के एसीजेएम कोर्ट में न्यायाधीश मणिकुंतला राय ने उनकी 13 फरवरी तक जेल हिरासत की अवधि को स्थगित करते हुए 11 फरवरी तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया।
अदालत सूत्रों के अनुसार, सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा गया कि मतंग सिंह ने मीडिया कारोबार को सामने रखते हुए काफी रुपये की हेराफेरी की है। सारधा घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सक्रिय भूमिका अदा की और सारधा समूह से बड़ा आर्थिक लाभ उठाया। इस संबंध में पूछताछ के लिए मतंग सिंह पहले से ही कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं।
कई बार तलब किए जाने के बाद वह पूछताछ के लिए सीबीआइ कार्यालय में हाजिर हुए। लिहाजा पूछताछ के लिए उन्हें सात दिनों की सीबीआइ हिरासत में दिया जाए। मतंग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके लीवर में समस्या है, लिहाजा उन्हें अस्पताल में ही रहने की अनुमति दी जाए। सीबीआइ चाहे तो अस्पताल में उनसे पूछताछ कर सकती है। लेकिन अदालत ने उन्हें 11 फरवरी तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया। गौरतलब है कि सारधा घोटाले में गिरफ्तारी के बाद से मतंग सिंह अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे और शुक्रवार को उनकी पेशी भी नहीं हो सकी थी।
शराब के सवाल पर भड़के मदन
कोलकाता। करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में जेल में बंद पश्चिम बंगाल के खेल व परिवहन मंत्री मदन मित्रा को शनिवार को रूटीन जांच के लिए एसएसकेएम अस्पताल लाया गया। पत्रकारों ने उनसे जेल में शराब पीने की बाबत सवाल किया तो वह मीडिया पर भड़क उठे। कहा, 'जिसने यह खबर दी है, उसी से जाकर पूछो। जवाब न मिले तो अपने घर के वरिष्ठ लोगों से पूछो वह बताएंगे कि शराब तुम्हारी कंपनी से आती है।' दरअसल, कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि मदन मित्रा के लिए जेल में शराब जाती है, जो घर से उनके लिए आने वाले पीने के पानी में मिली होती है।