The charge on marwahi MLA amit, letter written to pay for the CM
Admin | 31 March, 2016 | 903 | 3980
रायपुर.विधायकों के वेतन मामले में कांग्रेस संगठन ने मरवाही के विधायक अमित जोगी पर पलटवार किया है। उसने बताया है कि विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को 6 बार पत्र लिखे गए, इनमें से 5 पर अमित के भी दस्तखत हैं।
2014 से आवेदन
आखिरी पत्र जब लिखा गया तब उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, इस वजह से उनके दस्तखत नहीं लिए गए। विधायक दल के सचेतक लखेश्वर बघेल ने बताया कि विपक्षी दल के सभी विधायक वेतन वृद्धि के लिए 2014 से आवेदन कर रहे हैं। अब तक 6 बार सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। इसमें सभी विधायकों के दस्तखत लिए गए। सभी विधायकों से मैंने व्यक्तिगत तौर पर जाकर दस्तखत कराए।
किसानों को बोनस नहीं दिया गया
मरवाही के विधायक के पास भी मैं खुद प्रस्ताव लेकर गया था। उन्होंने वेतन वृद्धि की सहमति के प्रस्ताव में दस्तखत किए। कोटा की विधायक रेणु जोगी ने भी सहमति में दस्तखत किए। केवल अंतिम बार जब मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया तो अमित जोगी से दस्तखत नहीं कराए गए। कारण यह था कि तब उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। कांग्रेस के महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि अमित जोगी ने जब वेतन वृद्धि के समर्थन में दस्तखत किए थे, उस वक्त भी सरकार ने किसानों को बोनस नहीं दिया था। उस वक्त भी सूखे व अकाल की स्थिति निर्मित हो रही थी। अचानक बजट सत्र में जब विधायकों की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव सामने आया तो वे उंगली कटाकर शहीदों में अपना नाम दर्ज कराने के लिए विरोध करने खड़े हो गए हैं। यह पूरी तरह से उनका पॉलिटिकल ड्रामा है।
चिटफंड घोटालों की सीबीआई जांच जरूरी
विधानसभा में विपक्ष ने नान घोटाले, चिटफंड मामलों, प्रशासनिक आतंकवाद व आधार कार्ड को लेकर सरकार को घेरा। उसने नान व चिटफंड की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की। उसने यह भी आरोप लगाया कि सरकार नान घोटाले को दबाने में लगी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विभागों के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक आतंकवाद है। जिले में जो कलेक्टर है वह अपना कानून चलाता है।
सदस्यों में जमकर बहस
बघेल ने बंगलादेशी विमान की राजधानी में लैंडिंग और सरकार द्वारा उसे मदद पहुंचाने को लेकर भी विरोध जताते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। सरकार के पक्ष में प्रेमप्रकाश पांडेय, राजेश मूणत, शिवरतन शर्मा आदि ने बचाव में तर्क रखे। उनकी विपक्ष के सदस्यों से तीखी बहस भी हुई। विपक्ष व सत्ता पक्ष एक दूसरे को चुनौती भी देते रहे।
एसीबी ने किया उजागर
अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कई दफे कहा कि नान मामला न्यायालयीन प्रक्रिया में है इस वजह से इस पर चर्चा करना उचित नहीं। बघेल ने सरकार से जानना चाहा कि नान मामले में अंतिम चालान कब पेश होगा। पांडेय ने कहा कि नान घोटाला तो उनकी सरकार के एसीबी ने ही उजागर किया है। शर्मा ने कहा कि जिन मुद्दों को हम उठाते थे आज उनका समर्थन तो आप भी कर रहे हैं। बघेल ने प. बंगाल सरकार की तरह यहां भी चिटफंड पीड़ितों को राशि लौटाने की मांग की। बघेल ने ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों के पत्रकारों को भी अधिमान्यता देने की मांग की। सदस्य भोजराज नाग, नवीन मारकंडेय, डॉ. सनम जांगड़े, अवधेश चंदेल, दलेश्वर साहू, मोतीलाल देवांगन आदि भी चर्चा में शामिल हुए।