Teacher has Chit Fund companies in Skimming 8.60 lakh villagers
Admin | 26 November, 2015 | 743 | 3980
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केशकाल के सरकारी स्कूल के शिक्षक ने ग्रामीणों की खून-पसीने की कमाई चिटफंड कंपनियों में लगाकर डूबा दी।
एजेंट के तौर पर शिक्षक ने ग्रामीणों से 8.60 लाख रुपए कंपनी में लगाकर ऊंचा ब्याज दिलाने का भरोसा दिलाया था। पांच साल बाद भी ग्रामीणों को बतौर ब्याज एक रुपए नहीं मिला और अब उन्हें मूलधन भी नहीं लौटाया जा रहा है। रकम दिलाने ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। चारामा विकासखंड के ग्राम लिलेझर,जंजालीपारा व मयाना के ग्रामीणों के अनुसार लिलेझर निवासी धन्नूराम बघेल केशकाल विकासखंड के गांव में शासकीय स्कूल में पढ़ाता है।
उसने धनेश्वर श्रीवास्तव के साथ मिलकर 2009 में ग्रामीणों को झांसा दिया कि फाइन इंडिया, लिजेंड सिक्योर और लक्ष्य इंडिया कंपनी में रकम लगाएं। कंपनी उन्हें ऊंचा ब्याज और रकम दोगुना कर लौटाएगी। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद वह बार-बार उनके घरों में जाकर मनाने की कोशिश करता था। उसने यह तक दावा किया था कि यदि कंपनी पैसा नहीं देगी, तो वह खेत और जमीन बेचकर ग्रामीणों की रकम लौटाएगा और ब्याज भी देगा। ग्रामीण उसके झांसा में आ गए और जमा पूंजी इन कंपनियों में लगा दी।
कंपनी में रकम जमा करने वाले लिलेझर के मनेाहर धरत, सुखराम भालेश्वर, गोपाल, नन कुमार भुआर्य, गोपी राम, मयाना के लिकेश कुमार, राम सुमन ठाकुर, सोनसाय बघेल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हैं।
एक किश्त के बाद कंपनी बंद
31 ग्रामीणों से वसूला 8.60 लाख रुपए
शिक्षक बघेल ने तीन अलग-अलग कंपनियों में 31 ग्रामीणों से रकम जमा कराई है। इनमें ग्राम लिलेझर के 22 ग्रामीण, मयाना के आठ और जंजालीपारा का एक व्यक्ति शामिल है। इन ग्रामीणों से पांच हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक जमा कराए गए थे। 31 ग्रामीणों से शिक्षक ने 8.60 लाख रुपए लिए थे।
ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने कंपनियों में एक किश्त ही जमा की थी कि इन कंपनियों के बंद होने की खबर आने लगी। इसके बाद ग्रामीणों ने शिक्षक और उसके साथी से रकम वापस मांगी। शिक्षक तरह-तरह के बहाने बनाने लगा। कभी कहता कि कंपनी ने उसके खिलाफ दायर केस जीत लिए हैं, कुछ दिनों पैसा मिल जाएगा। कभी कहता कि पांच साल बाद ही ब्याज समेत रकम मिलेगी। पांच साल बीतने के बाद भी जब रकम नहीं मिली, तो ग्रामीण शिकायत लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचे।
कांकेर. चिटफंड कंपनियों और शिक्षक की शिकायत करने पहुंचे ग्रामीण।
एजेंट के तौर पर शिक्षक ने ग्रामीणों से 8.60 लाख रुपए कंपनी में लगाकर ऊंचा ब्याज दिलाने का भरोसा दिलाया था। पांच साल बाद भी ग्रामीणों को बतौर ब्याज एक रुपए नहीं मिला और अब उन्हें मूलधन भी नहीं लौटाया जा रहा है। रकम दिलाने ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। चारामा विकासखंड के ग्राम लिलेझर,जंजालीपारा व मयाना के ग्रामीणों के अनुसार लिलेझर निवासी धन्नूराम बघेल केशकाल विकासखंड के गांव में शासकीय स्कूल में पढ़ाता है।
उसने धनेश्वर श्रीवास्तव के साथ मिलकर 2009 में ग्रामीणों को झांसा दिया कि फाइन इंडिया, लिजेंड सिक्योर और लक्ष्य इंडिया कंपनी में रकम लगाएं। कंपनी उन्हें ऊंचा ब्याज और रकम दोगुना कर लौटाएगी। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद वह बार-बार उनके घरों में जाकर मनाने की कोशिश करता था। उसने यह तक दावा किया था कि यदि कंपनी पैसा नहीं देगी, तो वह खेत और जमीन बेचकर ग्रामीणों की रकम लौटाएगा और ब्याज भी देगा। ग्रामीण उसके झांसा में आ गए और जमा पूंजी इन कंपनियों में लगा दी।
कंपनी में रकम जमा करने वाले लिलेझर के मनेाहर धरत, सुखराम भालेश्वर, गोपाल, नन कुमार भुआर्य, गोपी राम, मयाना के लिकेश कुमार, राम सुमन ठाकुर, सोनसाय बघेल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हैं।
एक किश्त के बाद कंपनी बंद
31 ग्रामीणों से वसूला 8.60 लाख रुपए
शिक्षक बघेल ने तीन अलग-अलग कंपनियों में 31 ग्रामीणों से रकम जमा कराई है। इनमें ग्राम लिलेझर के 22 ग्रामीण, मयाना के आठ और जंजालीपारा का एक व्यक्ति शामिल है। इन ग्रामीणों से पांच हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक जमा कराए गए थे। 31 ग्रामीणों से शिक्षक ने 8.60 लाख रुपए लिए थे।
ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने कंपनियों में एक किश्त ही जमा की थी कि इन कंपनियों के बंद होने की खबर आने लगी। इसके बाद ग्रामीणों ने शिक्षक और उसके साथी से रकम वापस मांगी। शिक्षक तरह-तरह के बहाने बनाने लगा। कभी कहता कि कंपनी ने उसके खिलाफ दायर केस जीत लिए हैं, कुछ दिनों पैसा मिल जाएगा। कभी कहता कि पांच साल बाद ही ब्याज समेत रकम मिलेगी। पांच साल बीतने के बाद भी जब रकम नहीं मिली, तो ग्रामीण शिकायत लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचे।
कांकेर. चिटफंड कंपनियों और शिक्षक की शिकायत करने पहुंचे ग्रामीण।