रायपुर। आम लोगों से राशि जमा करने के बाद गायब होने वाली चिटफंड कंपनियों या लोगों के खिलाफ राज्य सरकार ने सोमवार को विधानसभा में छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2005 (क्रमांक 24 सन् 2015) सर्वसम्मति से पारित किया। यह कानून पारित होने के साथ ही पूरे प्रदेश में लागू माना जाएगा। संशोधित कानून में आम लोगों के स्र्पए जमा कर उसे गायब करने, स्र्पए ब्याज सहित नहीं लौटाने या भागने वाली कंपनी और उसके प्रबंधन के खिलाफ गैर जमानती अपराध दर्ज होगा। आरोप साबित होने पर 10 साल सजा और सात से 15 लाख स्र्पए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा में यह संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बगैर अनुमति कोई व्यक्ति, संस्था या वित्तीय स्थापना प्रदेश में आम लोगों से स्र्पए जमा नहीं करा पाएगी। पहले उसे जिले के कलेक्टर से इजाजत लेनी होगी। बगैर इजाजत शुरू हुए ऐसे चिटफंड बैंकों के खिलाफ कलेक्टर विज्ञापन के आधार पर संज्ञान में लेकर कार्रवाई कर सकेगा। ऐसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध होने पर उसे जमानत नहीं दी जाएगी। वहीं पूरे मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय में होगी। विशेष न्यायालय को पूरा प्रकरण 240 दिनों के भीतर पूरा कर राशि जमा करने वालों को ब्याज सहित उनकी राशि वापस लौटाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए कलेक्टर को स्र्पए समय पर वापस नहीं करने या धोखाधड़ी करने वाली संस्था, कंपनी के मालिकों अथवा अंशधारकांे की सम्पत्ति को जब्त करने का पूरा अधिकार होगा। रुपए जमा करने वाले को गायब की गई राशि की भरपाई करने के लिए गवशेष न्यायालय में कुर्की, नीलामी व भुगतान की कार्रवाई को सिविल मामले के बजाय क्रिमिनल मामले के रूप में चलाया जाएगा।
डिपॉजिट की परिभाषा में बदलाव
डिपॉजिट की परिभाषा में बदलाव कर आरबीआई एक्ट का संदर्भ हटा दिया गया है व व्यापारिक प्रकृति के डिपॉजिट भी परिभाषा से हटाए गए हंै, जिससे रोजमर्रा की व्यवसायिक व अन्य व्यापारिक गतिविधियों में होने वाले धन के आदान-प्रदान पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। इसके अतिरिक्त अन्य परिभाषाओं को स्पष्ट करने हेतु प्रावधान किए गए हैं।
भ्रामक विज्ञापन पर एक लाख दण्ड
यदि कोई वित्तीय संस्था भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर लोगों को राशि जमा करने के लिए भ्रामक प्रस्ताव देती है तो एक से दो लाख स्र्पए तक जुर्माना हो सकता है।
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