RANCHI: त्रिभुवन एग्रिको कंपनी के डाइरेक्टर सुमित घोष उर्फ अब्दुल सामी की हत्या में चिट फंड कंपनियों का हाथ है। अप्रैल में हिंदपीढ़ी स्थित जन्नत एन्क्लेव के फ्लैट से बॉडी बरामद हुई थी। उसकी हत्या के तार कोलकाता से जुड़ रहे हैं। मामले में हिंदपीढ़ी पुलिस ने उसकी सहयोगी नुरैशा खातून को जेल भेज दिया है। हालांकि पुलिस को आशंका है कि नुरैशा खातून महज एक मोहरा है, जबकि सुमित घोष हत्याकांड में उसी की कंपनी से कई जुड़े लोगों के हाथ होने की आशंका है। सुमित घोष पर चुटिया थाने में चिटफंड कंपनी चलाने को लेकर पांच अप्रैल, ख्0क्भ् को मामला दर्ज किया गया था। इसमें कोलकाता के मुखलेशुर रहमान, सनवास अली, संजय रावत, अमल सेन, सिद्वार्थ सरदार, प्रदीप सरदार, रंजीत गोप, मिहिर वैष्णव तथा सुकुमार मंडल के नाम भी दर्ज किए गए थे। इस कांड के अनुसंधानकर्ता चुटिया थाने के दारोगा नगीना राय हैं।
जांच में पुलिस की सुमित कर रहे थे मदद
बताया जाता है कि जब सुमित घोष पर त्रिभ़ुवन एग्रिको प्रोजेक्ट में घोटाले की बात सामने आई और चुटिया थाने में केस दर्ज किया गया, तो सुमित घोष चुटिया पुलिस को अनुसंधान में मदद कर रहे थे। इस बात का पता नुरैशा खातून को था। नुरैशा खातून को भी घोटाले में प्राथमिक अभियुक्त बनाया गया था। पर, एक इंस्पेक्टर की पैरवी पर तत्कालीन डीएसपी ने उसका नाम सुपरविजन से हटा दिया था। आशंका है कि सुमित घोष हत्याकांड में जेल भेजी गई नुरैशा खातून की रिपोर्ट देने पर ही सुमित घोष की हत्या कर दी गई। इसके बाद उसे फांसी पर लटकाने का ढोंग रचा गया.
सुमित के साथ रह रही थी नुरैशा
हिंदपीढ़ी स्थित जन्नत एन्क्लेव के फ्लैट में सुमित घोष अब्दुल सामी बन कर रहता था। यह खुलासा उसकी कथित महिला मित्र नुरैशा खातून ने किया था। उसने पुलिस को बताया कि फ्लैट के सभी लोग सुमित घोष को अब्दुल सामी के नाम से ही जानते थे। वो डोरंडा के साउथ ऑफिस पाड़ा का निवासी था, जो शादीशुदा व बाल- बच्चेदार था।