एक ओर चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को बयान देने थाना पहुंचने की अपील पुलिस कर रही है, तो दूसरी ओर बयान लेने वाले अधिकारियों का ही थाना में अता-पता नहीं रहता। ऐसे में दूर-दराज से थाना पहुंचने वाले निवेशकों को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा है। कई निवेशक थाने के बाहर घंटों बैठकर अधिकारियों का इंतजार करते हैं। शनिवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 20 से अधिक ग्रामीण कोतवाली थाना पहुंचे, लेकिन दो घंटे बीतने के बाद भी जांचकर्ताओं का पता नहीं था।
जिले के अंदर डेढ़ दर्जन से ज्यादा चिटफंड कंपनियों ने एजेंटों के माध्यम से लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपए निवेश करवाए। नगरी-सिहावा के दुर्गम वनांचल नक्सल प्रभावित गांवों तक अपना जाल फैलाने से भी चिटफंड कंपनी बाज नहीं आए। शनिवार को नक्सल प्रभावित रिस गांव और आसपास के गावों के ग्रामीण एचबीएन कंपनी में जमा की गई रकम की रसीद लेकर बड़ी संख्या में सिटी कोतवाली धमतरी पहुंचे, लेकिन अधिकारी ही नदारत थे। ग्रामीणों को थाने के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ा। रिस गांव समेत अन्य गांवों से पहुंचे निवेशक देवकुमार नाग, लक्ष्मण यादव, रामसिंह नेताम, देवलाल आदि ने बताया कि वे पिछले सप्ताह भर से थाने का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक बयान नहीं हुआ।
जांच में जुटने के कारण अधिकारी बाहर रहे होंगे, जो निवेशक थाने पहुंच रहे हैं, उनका बयान लिया जा रहा है। सबसे ज्यादा निवेशक नगरी ब्लाक के हैं। 15 फरवरी तक बयान दर्ज किया जाएगा। राजकुमार सोरी, टीआई कोतवाली
जांच में लग रहा समय
इन कंपनियों के खिलाफ जांच हो रही है
थाना में संजीवनी फाइनेंशियल एडवाइजरी इंडिया लिमिटेड, संजीवनी ग्रुप ऑफ कंपनी, एचबीएन, बीपीएन, दिव्यानी, स्काई टच ग्रुप हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, जीएन डेयरी एंड गोल्ड, सांई प्रसाद कंपनी के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ कर डायरेक्टरों एवं शाखा प्रबंधकों के खिलाफ विवेचना की जा रही है।
4 दर्जन से ज्यादा निवेशकों का बयान हो चुका है
कोतवाली थाना के अनुसार चिटफंड कंपनियों के मामलों की विवेचना के लिए 4 एसआई और 1 एएसआई को लगाया गया है। अलग-अलग कंपनियों की विवेचना का भार अलग-अलग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया है। जमा रकम से संबंधित दस्तावेज देखकर पुलिस लोगों का बयान ले रही है। अब तक एचबीएन कंपनी के 4 दर्जन से ज्यादा ग्राहकों का पुलिस बयान ले चुकी है।
धमतरी। जांच अधिकारी का थाने के बाहर इंतजार करते वनांचल के ग्रामीण।
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