नई दिल्ली: ई-कामर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी स्नैपडील के खिलाफ कड़ी प्रवर्तन कार्रवाई की आलोचना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने आज कहा कि इस तरह का कदम सरकार के घरेलू उद्यमियों और कारोबार को प्रोत्साहन देने के उसके खुद के रख से उलट है। डॉक्टरी सलाह वाली दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करने पर स्नैपडील के खिलाफ यह कदम उठाया गया है।
पायलट ने कहा कि स्नैपडील और उसके शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई कुछ उसी तरह से है कि आप लेन उल्लंघन पर राजमार्ग बनाने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई करें। जबकि संदिग्ध प्रकृति की दवाओं के वास्तविक अपराधी खुले आम घूम रहे हैं।
महाराष्ट्र के खाद्य एवं दवा प्रशासन ने अपने प्लेटफार्म से डॉक्टरी सलाह पर ली जाने वाली दवाओं की बिक्री के मामले में स्नैपडील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुणाल बहल व अन्य शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दायर की है। पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कारपोरेट मामलों के मंत्री रहे पायलट का यह बयान इसी परिप्रेक्ष्य में आया है।
पायलट ने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एमवे के सीईआे की गिरफ्तारी के बाद भी चिंता जताई थी। पायलट ने कहा कि विधि प्रवर्तन एजेंसियों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि किनके खिलाफ कार्रवाई करनी है क्योंकि ई-कामर्स पोर्टल केवल के्रता विक्रेता को मंच प्रदान करते हैं।
पायलट जो कि पिछले संप्रग सरकार में दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री भी रहे हैं ने कहा कि ई-कामर्स कारोबार के लिए व्यापक दिशानिर्देश लाने की जरूरत है जिसमें जवाबदेही के प्रावधान होने चाहिए।