नई दिल्ली: काले धन पर एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी तीसरी रिपोर्ट दे दी है. काले धन पर गठित एसआईटी का मानना है कि क्रिकेट में सट्टेबाजी, काले धन का एक बड़ा स्रोत है.
एसआईटी ने इस पर लगाम लगाने की बात कही है. एसआईटी ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि क्रिकेट में हर साल तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कालाधन बतौर सट्टेबाजी इस्तेमाल होता है.
एसआईटी ने सिफारिश की है कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को ये हलफनामा देना चाहिए कि उसका कोई काला धन विदेशी बैंकों में जमा नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट को दिए रिपोर्ट में एसआईटी ने फ्रांस से प्राप्त एचएसबीसी बैंक के 624 खातों के बारे में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा दिया है. एसआईटी ने कहा है कि 624 में से 422 मामले भारत में रहने वालों लोगों के हैं. इनमें से 403 मामलों में कार्रवाई की जरूरत है. 422 खातों में 202 में कोई पैसा नहीं है और बाकी के 220 खातों में कुल 4526 करोड़ रुपये हैं.
एसआईटी ने कहा -
राम जेठमलानी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया
राम जेठमलानी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एनडीए सरकार और यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह विदेशों में जमा काला धन वापस लाने में विफल रही है. जेठमलानी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
जेठमलानी ने वित्ती मंत्री अरूण जेटली का नाम न लेते हुए कहा कि ‘मासूम वित्त मंत्री’ के हवाले से कहा गया है कि भारत ने काले धन की किसी पनाहगाह की पहचान नहीं की है. उन्होंने कहा कि यह संप्रग सरकार में वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी के कथन से एकदम विपरीत है. उन्होंने एक श्वेत पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत ने ऐसे 45 स्थानों की पहचान की है.
जेठमलानी ने कहा, ‘‘मैं इसे काले धन पर काला पत्र कहता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह परिस्थितिजन्य साक्ष्य है कि कहीं न कहीं कुछ गडबड है. इन लोगों को शर्म नहीं आ रही कि वे क्या कर रहे हैं.’’
उन्होंने विशेष जांच दल की कार्यशैली की भी आलोचना की और कहा,‘‘जांच दल में ऐसे लोग भरे हैं जो पिछले सरकार के वफादार हैं.’’
जेठमलानी ने कहा, ‘‘देश का दुर्भाग्य है कि इस सरकार ने उन्हीं लोगों को बनाए रखा है जो पिछली सरकार के साथ थे और वे आज एसआईटी में बैठे है. वे देश के नहीं बल्कि अपने आकाओं के प्रति वफादार हैं.’’