मैनपुरी। बदहाल गलियों के सुधार के लिए भले ही नगर पालिका बजट का रोने रोए लेकिन अधिकारियों के घर चमकाने के लिए पालिका प्रशासन ने 26 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिए। डीएम, एसपी, एडीएम, एएसपी और एसडीएम के आवासों पर खर्च की धनराशि से शहर की दो-तीन गलियां सीसी रोड में तब्दील हो सकती थी। सरकारी आवासों पर पालिका द्वारा धनराशि खर्च करने की जानकारी आम जनता तक न पहुंचे इसके लिए भी पालिका प्रशासन ने खासी सक्रियता बरती।
शहर की दो दर्जन से अधिक गलियां बदहाल हैं। कई क्षेत्रों में पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। कई इलाकों में मार्ग प्रकाश व्यवस्था न होने से लोगों को रात में अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को नजर अंदाज कर पालिका प्रशासन ने जनता की सहूलियतों के स्थान पर प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों को चमकाने को अधिक तबज्जो दी। नगर पालिका ने 26 मई 2014 को बोर्ड की बैठक में डीएम आवास में दो आधुनिक शौचालयों, जेनरेटर के प्लेटफार्म और कमरे के फर्श के लिए 442615 रुपये, एएसपी आवास में इंटर लॉकिंग फर्श के लिए 458035 और एएसपी के चौकीदार कक्ष के निर्माण एवं पुताई कार्य के लिए 168404 रुपये स्वीकृत किए और बाद में टेंडर निकाल कर कार्य भी करा दिया गया।
पालिका बोर्ड की 31 जुलाई 2014 की बैठक में सीडीओ आवास के सामने पार्क के सुधार के लिए 186964 रुपये का बजट स्वीकृत कर कार्य करा दिया गया। सात नवंबर की बोर्ड की बैठक में एसपी आवास में 919629 रुपये से इंटर लॉकिंग कार्य का निर्माण का प्रस्ताव पारित कर कार्य करा दिया गया। इसी बैठक में एडीएम और एसडीएम आवास में स्टोर रूम और गार्ड रूम के निर्माण के लिए 430565 रुपये स्वीकृत कर निर्माण करा दिया गया। जनता का पैसा अधिकारियों के सरकारी घरों में लग रहा है इसकी आम लोगाें को भनक न लगे इसके लिए टेंडरों का प्रकाशन ऐसे समाचार पत्रों में कराया गया जो शहर में या तो आते ही नहीं यदि आते भी हैं तो उनकी संख्या दर्जनों तक ही सीमित है।
अधिकारियों के आवासों पर उनके आने से पहले नगर पालिका द्वारा कार्य कराए गए हैं। पालिका बोर्ड की बैठक में बहुमत के आधार पर निर्णय लेकर नगर पालिका क्षेत्र में कहीं भी विकास कार्य कराए जा सकते हैं। अधिकारियों के आवासों पर निर्माण कार्य बोर्ड की बैठक के निर्णय के आधार पर ही कराए गए हैं। इसे वित्तीय अनियमितता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।