कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय चिटफंड घोटाले में ठगी का शिकार हुए निवेशकों को उनके पैसे लैटाने के एक प्रयास के तहत सारदा समूह की जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी के लिए मंजूरी को लेकर जल्द ही विशेष अदालत का रूख कर सकता है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 1,000 करोड़ रूपये है।
धनशोधन विरोधी कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत मामले की जांच कर रही इस एजेंसी ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है और अगले महीने आरोप पत्र दायर कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि निदेशालय अदालत में आवेदन दायर कर आग्रह करेगा कि उसके जोनल कार्यालय द्वारा जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी की इजाजत दी जाए।
एक सूत्र ने कहा, ‘एजेंसी ने कई राज्यों तक फैले इस मामले में करीब 1,000 करोड़ रूपये की कीमत की संपत्ति जब्त की है। परंतु इन संदिग्ध संपत्तियों को जब्त करने का क्या मतलब है अगर उन लोगों को फायदा नहीं पहुंचाया जा सकता जिन्होंने इस समूह की योजनाआों के चक्कर अपने पूंजी गवां दी?’
सूत्रों का कहना है, ‘इस मामले में बड़े पैमाने पर नगदी बरामद की गई है और इनकी नीलामी का कोई प्रावधान नहीं है। परंतु भूमि रूपी संपत्तियों को बेचा जा सकता है और नगद राशि सरकारी खजाने में जमा की जा सकती है जहां से निवेशकों की मदद की जा सकती है।’