जालसाजी में जेल गए सपा नेता शैलेंद्र अग्रवाल के गुनाहों का काला चिट्ठा धीरे-धीरे खुलने लगा है। उसके घर में मिली चार हार्ड डिस्क में से सिर्फ एक के खुलते ही 100 लोगों के नाम सामने आए हैं। इस जालसाज के जाल में फंसकर करोड़ों गंवाने वाले इन बड़े लोगों में कई आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अफसर भी शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर शहर में तैनात रह चुके हैं। इनके अलावा कई सफेदपोश भी हैं। पुलिस इनकी पूरी डिटेल तैयार कर रही है। यह ब्योरा आगे की जांच के लिए जल्द ही आयकर विभाग को दिया जाएगा।
पुलिस सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि जिस रफ्तार से शैलेंद्र अग्रवाल के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं, उसे देखकर लगता है कि ठगी गई रकम 250 करोड़ तक पहुंच सकती है। हालांकि पूरी रकम सभी शिकायतें आ जाने पर ही साफ होगी। हार्ड डिस्क से मिली लिस्ट में जिन अफसरों के नाम मिले हैं, उनमें ऐसे भी हैं जिन्होंने शहर में जमीन भी खरीद रखी है। खास बात यह है कि इनमें से एक ने भी अभी तक पुलिस से शिकायत नहीं की है। इन्हें मालूम है कि मुंह खोलते ही मुसीबत में फंस जाएंगे। इसलिए सबकुछ लुटाकर चुप रहने में ही भलाई समझ रहे हैं।
फिलहाल पुलिस की जांच चार बिंदुओं पर चल रही है। पहला, शैलेंद्र ने किन किन लोगों को ठगा? और खास तौर से अधिकारियों को निशाना क्यों बनाया? दूसरा, उसने जालसाजी से जुटाया करोड़ों रुपया कहां छुपाया? तीसरा, इस गोरखधंधे में उसके साथ कौन कौन शामिल रहे? और चौथा, इतने दिनों से चल रही इतनी बड़ी जालसाजी के बावजूद उसे अब तक कौन बचाता रहा?
यह तो पहले ही सामने आ चुका है कि उसे गनर तत्कालीन दो डीजीपी ने दिलाए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भले ही केस डायरी में कोई लिखापढ़ी न की जा रही हो लेकिन शासन को इसकी सूचना दी जाएगी। उधर, पुलिस ने हार्ड डिस्क खोलने के साथ ही शैलेंद्र के बैंक खातों और संपत्ति का ब्योरा जुटाना भी शुरू कर दिया है। अभी तक उसके 18 बैंक एकाउंट सामने आ चुके हैं। यह मालूम किया जा रहा है कि इनमें कितना पैसा जमा है।
जब्त हो सकती है संपत्ति
डीआईजी लक्ष्मी सिंह का कहना है कि शैलेंद्र अग्रवाल को रिमांड पर लेकर मालूम किया जाएगा कि ठगी के इस धंधे में उसके साथ कौन कौन शामिल रहा? इसके बाद उसके पूरे गिरोह को सूचीबद्ध किया जाएगा। उसने ठगी से जो संपत्ति बनाई है, उसे प्रशासन की मदद से जब्त कराया जाएगा।