Seven chit fund companies take action, Depositors hand Still empty
Admin | 04 February, 2016 | 1085 | 3980
जिले के हजारों लोगों के करोड़ों रुपए चिटफंड कंपनियों में फंसे हैं। कोतवाली पुलिस ने सात कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है और एक के बाद एक कंपनी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी भी हो रही है। जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनके किसी भी जमाकर्ता को रकम वापस नहीं मिली है। जमाकर्ता कंपनियों के दफ्तरों में भटकते मिल रहे हैं। अपनी ओर से जमाकर्ता काफी प्रयास कर चुके, फिर भी राशि नहीं मिली, तब वे आखिरी उम्मीद लेकर सीधे थाने में शिकायत कर रहे हैं।
पीड़ित ज्यादातर जमाकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जो अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों में फंसा चुके हैं। रकम दोगुना करने या आकर्षक स्कीम बताकर कंपनियों ने खुलकर कारोबार किया। मेच्योरिटी की बारी आई, तो कंपनियां भाग रही हैं। जिले में ही दाे दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियां संचालित थीं। पुलिस की कार्रवाई देख कई कंपनियों ने दफ्तर में ताला जड़ दिया है, वहीं मैनेजर सहित अन्य अधिकारी फरार हैं।

इनकी हुई गिरफ्तारी: बीएनपी कंपनी के मैनेजर केदार नागर, साई प्रसाद कंपनी के 2 मैनेजर, संजीवनी कंपनी के 5 मैनेजरों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार उक्त कंपनियों ने जिले के भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपए जमा करा लिए हैं। पुलिस की ओर से निवेश की राशि अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
इन कंपनियों पर हुई कार्रवाई: कोतवाली पुलिस ने अब तक 7 चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई की है। इनमें संजीवनी बेनीफीट इंडिया लिमिटेड, संजीवनी फायनेंशियल एडवायजरी इंडिया, संजीवनी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, स्काई टच ग्रुप हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, एचबीएन कंपनी, साई प्रसाद कंपनी, जीएन डेयरी एंड गोल्ड, बीएनपी कंपनी, देव्यानी कंपनी भी शामिल हैं। इनके खिलाफ अपराध दर्ज कर डायरेक्टर, शाखा प्रबंधक तथा अभिकर्ता के खिलाफ विवेचना जारी है। इन कंपनियों में धनराशि जमा कराने वाले लोगों को कोतवाली पुलिस बांड पेपर के साथ बुलवा रही है। इसके लिए 15 फरवरी तक समय दिया गया है।
न्यायालय के आदेश पर वापसी
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 7 कंपनियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। रकम वापसी न्यायालय के आदेश पर बाद में होती है। निवेशकों को बुलाकर बयान ले रहे हैं। राजकुमार सोरी, टीआई कोतवाली
रकम नहीं मिली शिकायत करने आए हैं
देव्यानी कंपनी में मेरा 16 हजार रुपए जमा है। मेच्योरिटी हो गई, फिर भी राशि नहीं दे रहे, इसलिए कंपनी की शिकायत करने कोतवाली पहुंचे हैं। शिवकुमार साहू, जमाकर्ता गोकुलपुर, धमतरी
महिला समूह भी फंसी है मामले में
विंध्यवासिनी महिला समूह की अध्यक्ष अमृत बाई सेन के नाम से 54 हजार रुपए एचबीएन में सभी सदस्यों ने जमा कराए हैं। समय पूरा हो गया है, पर पैसा वापस नहीं दे रहे। कंपनी के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। द्रोपती साहू, जमाकर्ता गोकुलपुर
एचबीएन में 20 हजार रुपए जमा
एचबीएन में 20 हजार रुपए जमा किया हूं। कंपनी ने कहा था राशि डबल लौटाएंगे। मेच्योरिटी हुए 4 माह हो गए, राशि का अता-पता नहीं है। सुरेन्द्र जांगड़े, जमाकर्ता जोधापुर, धमतरी
लालच के चक्कर में फंस गए साहब
लालच के चक्कर में मैने एचबीएन कंपनी में 37 हजार रुपए जमा कराए। 90 हजार मिलेगा कहा गया था, ले देकर पैसे जोड़े, अब आफत में फंस गए हैं। श्यामलाल सोनवानी, जमाकर्ता गट्टासिल्ली
पैसा नहीं मिला पल्सग्रीन की शिकायत
खर्च में कटौती कर 20 हजार रुपए पल्सग्रीन कंपनी में जमा कराए। बांड भी जमा हो गया है। मेच्योरिटी के बाद भी कंपनी पैसा नहीं लौटा रही है। धिराजीराम ध्रुव, जमाकर्ता अर्जुनी
धमतरी। मंगलवार को बड़ी संख्या में जमाकर्ता चिटफंड कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने पहुंचे।
पीड़ित ज्यादातर जमाकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जो अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों में फंसा चुके हैं। रकम दोगुना करने या आकर्षक स्कीम बताकर कंपनियों ने खुलकर कारोबार किया। मेच्योरिटी की बारी आई, तो कंपनियां भाग रही हैं। जिले में ही दाे दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियां संचालित थीं। पुलिस की कार्रवाई देख कई कंपनियों ने दफ्तर में ताला जड़ दिया है, वहीं मैनेजर सहित अन्य अधिकारी फरार हैं।