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Section 144 imposed in Ahmedabad to prevent swine flu as toll mounts to 231 in Gujarat

Section 144 imposed in Ahmedabad to prevent swine flu as toll mounts to 231 in Gujarat

स्वाइन फ्लू देश के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए अहमदाबाद के जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 लगा दी है.



एक सरकारी बयान में कहा गया है कि बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है, जिसके अंतर्गत पूर्व अनुमति के बिना एक जगह पर पांच से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर रोक रहेगी.



अहमदाबाद के जिला कलेक्ट्रेट के बयान के मुताबिक अहमदाबाद सहित पूरे गुजरात में स्वाइन फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. स्वाइन फ्लू का वायरस संक्रामक है और आम तौर पर भीड़ वाले स्थानों पर हवा के जरिए फैलता है.



हालांकि विवाह और जनाजे के जुलूस धारा 144 के नियमों के दायरे से बाहर रहेंगे. इसके अलावा तमाम सार्वजनिक समारोहों को रद्द या स्थगित करने की सलाह दी गई है. ऐसा नहीं करने पर आयोजकों के लिए अधिकारियों से इसकी पूर्व अनुमति लेना जरूरी होगा और तमाम ऐहतियाती उपाय करने होंगे ताकि बीमारी को फैलने का मौका नहीं मिले.



स्वाइन फ्लू से 875 मरे



देश में स्वाइन फ्लू से मंगलवार को 34 और मौत हो गईं, जिससे इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 875 पर पहुंच गई. इस खतरनाक बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या मंगलवार को 15,000 से पार हो गई. वैसे सरकार का कहना है कि उसका आम लोगों को एहतियातन इस बीमारी की दवा देने का कोई इरादा नहीं है.



स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल 23 फरवरी तक विभिन्न राज्यों में स्वाइन फ्लू से 875 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुल 15,413 लोग इससे प्रभावित हैं.



स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने स्वाइन फ्लू के फैलाव को चिंता की एक बड़ी वजह बताते हुए मंगलवार को सदन के दोनों सदनों में इस बात की पुष्टि की कि एंफ्लुएंजा ए के जो मामले सामने आए हैं वह एच1एन1 ही है और यह वही वायरस है, जो 2009 में भी तबाही मचा चुका है. इस वायरस में कोई बदलाव नहीं आया है.



उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों को एहतियातन इस बीमारी की दवा देने की सिफारिश की थी और विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद यह फैसला किया गया. ‘‘सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति के तहत इस मौके पर आम जनता को दवा देने की सलाह नहीं दी गई है. इंजेक्शन देने के तीन से चार सप्ताह के बाद दवा असरदार होती है और एक वर्ष बीमारी से बचाव करती है. इससे भी बड़ी बात यह है कि टीकाकरण से वायरस के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा नहीं मिलती है.’’



नड्डा ने कहा कि उनका मंत्रालय हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है और प्रभावित राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है.



मंत्री ने इंफ्लुएंजा ए एच1एन1 या स्वाइन फ्लू के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा ओसेलटैमीवीर की कमी से इंकार करते हुए कहा कि दवा का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है.



उन्होंने कहा, ‘‘हमने दवा निर्माताओं के साथ दो बार बात की है और इन स्वदेशी निर्माताओं का कहना है कि उनके पास पर्याप्त भंडार और जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त सामग्री और निर्माण क्षमता है.’’



उन्होंने बताया कि 2009-2010 में फैली महामारी के समय जो दवा आसेलटैमीवीर इस्तेमाल की गई थी, वह अब भी इसके उपचार में प्रभावी है.



नड्डा ने बताया कि 2009 में इस बीमारी के प्रभावितों की संख्या 27,236 और 2010 में 20,604 थी. 2009 में मरने वालों की तादाद 981 थी, जो 2010 में बढ़कर 1763 हो गई.



स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी ने राजस्थान में सबसे ज्यादा 225 लोगों की जान ली है. वहां अभी 4,734 लोग इसकी चपेट में हैं.



गुजरात में उससे कम 219 लोग इसके संक्रमण से जान गंवा चुके हैं और 3,337 लोग अभी इससे पीड़ित हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश में 117 जानें गई हैं और 660 इससे प्रभावित हैं, जबकि महाराष्ट्र में 103 की मौत हुई और 1,055 इसके संक्रमण के शिकार हैं.



दिल्ली में नौ लोगों की मौत हो चुकी है और इससे पीड़ित लोगों का आंकड़ा तेजी से बढ़ते हुए 2,456 तक पहुंच चुका है. यहां मंगलवार को बीमारी के 119 नये मामले आए हालांकि मंगलवार को इस बीमारी से दिल्ली में किसी की मौत नहीं हुई. अन्य राज्यों जैसे तेलंगाना में 51 और पंजाब में 37 लोगों की मौत हुई.



नड्डा ने कहा, ‘‘स्थिति पर हम करीबी नजर बनाए हुए हैं और राज्यों को तमाम जरूरी इमदाद मुहैया कराई जा रही है. दवा, मास्क और पीपीई का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. हालात से कारगर तरीके से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.’’



विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वह भारत में स्वाइन फ्लू की स्थिति पर चौकस नजर बनाए हुए है हालांकि संगठन का कहना है कि एच1एन1 वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने के संकेत नहीं हैं.



कश्मीर घाटी में एक और व्यक्ति की मौत के साथ ही स्वाइन फ्लू से मरने वालों की तादाद छह हो गई, जबकि पिछले 24 घंटे में 15 और लोग इससे संक्रमित हुए. यहां इस बीमारी से प्रभावित लोगों का आंकड़ा 153 पर पहुंच गया है.



हर्बल चाय पीएं, स्‍वाइन फ्लू से बचें!


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  • 25 February, 2015
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