रायपुर: छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से काम कर रहीं चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सेबी ने शिकंजा कस दिया है। सेबी ने प्रदेश में काम कर रही पांच चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं 17 कपंनियों के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया है। सेबी के सहायक प्रबंधक यू रमेश ने बताया कि यह कार्रवाई जिला स्तर पर गठित शिकायत जांच समिति की सिफारिश पर की गई है। प्रदेश में चिटफंड कंपनियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। हजारों लोगों से ठगी के बाद प्रदेश में स्पेशल सेल बनाया गया है। पहले चरण में पांच कंपनियों को सेबी ने दोषी पाया है, जिन पर कार्रवाई की गई है।
सेबी ने चिटफंड कंपनियों की ठगी की शिकायत की जांच के लिए विशेष तरीका अपनाया है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भोपाल कार्यालय द्वारा किसी भी नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनी को आम जनता के पैसा जमा करने का कोई भी लाइसेंस नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में 20 से ज्यादा कंपनियां फर्जी तरीके से पैसा जमा करने का काम कर रही हैं। सेबी के पास कुछ शिकायतें ऐसी भी पहुंचीं, जिनमें सहकारी साख समिति के नाम पर पंजीयन करके आम लोगों से पैसा जमा कराया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई कंपनी सहकारी साख समिति के नाम से पैसा जमा कर रही है और राज्य के बाहर पंजीकृत है तो सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटी से शिकायत करें।
लोक आयोग ने की थी कार्रवाई की सिफारिश
छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने शासन को प्रदेश में कार्य कर रही चिटफंड कम्पनियों पर कड़ी निगरानी का निर्देश दिया है। साथ ही प्रदेश के उन चिटफण्ड कम्पनियों के खिलाफ अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी भी मांगी है। राज्य में रायज विजन केयर, स्माइल एण्ड स्माइल, स्पीक एशिया, एचबीएएन, सांई प्रसाद कम्पनी, सांई प्रकाश कम्पनी, ग्रीन रे, आस्था गोट फार्मिंग, आर्य रूप टूरिज्म, माईक्रो फाईनेंस, जेसीबी तारक बाजपेयी गु्रप, बीएनपी, माई डाटा लिंक,यूनीपे टू यू, संडे हालीडे, सुविधा फाईनेंस, एबीबी फाइनेंस लिमिटेड, संजीवनी फाईनेंस लिमिटेड, बीएनजी लिमिटेड, तुलीप फाईनेंस, बीएचएलएफ, एमएम इण्डिया और मानिडल मनी बॉक्स कम्पनी शामिल हैं। लोक आयोग ने इन कम्पनियों के संबंध में विस्तृत तथ्य, इनका कार्यक्षेत्र तथा रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की नियमावली के अंतर्गत कार्य-कलापों और अब तक हुई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मंगाई थी।