कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सारधा की परत दर परत करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया में है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि इन संपत्तियों की कुर्की एक माह में की जायेगी.
अधिकारी ने कहा: हमने लाभार्थियों की चौथी परत का पता लगाया है, जिन्हें सारधा पोंजी घोटाले में अपराध की कमाई में हिस्सा मिला. अधिकारी ने कहा कि ये ऐसी संपत्तियां हैं, जिनको विभिन्न लाभार्थियों को स्थानांतरित किया गया. इस कुर्की के साथ ईडी अपराध की कमाई से खरीदी गयी करीब 1,100 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की करेगा. यह पूछे जाने पर कि ईडी कब तक मनी लांड्रिंग के संदर्भ में अपना आरोपपत्र दायर करेगा, अधिकारी ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सीबीआई कब तक अदालत में अपना अंतिम आरोप पत्र दायर करती है.
अधिकारी ने कहा: अभी तक सीबीआई ने चार शुरुआती आरोपपत्र दायर किये हैं. ये आरोपपत्र उन लोगो के खिलाफ हैं, जिन्हें एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. अंतिम आरोपपत्र में उन लोगो का भी नाम हो सकता है, जिन्हे गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सारधा घोटाला: तृणमूल के निलंबित सांसद कुणाल घोष का आरोप, मुझ पर डाल रहे दबाव
सारधा चिटफंड घोटाले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने बुधवार को बैंकशाल कोर्ट में पेशी के दौरान फिर पुलिस व प्रशासन पर उन दबाव डालने व परेशान करने का आरोप लगाया. अदालत सूत्रों के मुताबिक सारधा टूर एंड ट्रैवल्स मामले की सुनवाई के लिए सुदीप्त सेन, देबयानी मुखर्जी व कुणाल घोष को बैंकशाल कोर्ट की नगर दायरा अदालत में लाया गया था. सुनवाई के दौरान अदालत में कुणाल ने कहा कि पुलिस और जेल के अधिकारी उन पर कुछ व्यक्तियों के नाम नहीं लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं, जिनके नाम पहले उन्होंने सारधा चिटफंड घोटाले में लिये थे.
कुणाल ने कहा कि हाल के दिनों में विधाननगर कोर्ट में पेशी के दौरान उनके साथ कैसा सलूक किया गया, यह सबने देखा है. बैंकशाल कोर्ट में पुलिस भी उन्हें परेशान कर रही है. इसी बीच, कुणाल के वकील अयन चक्रवर्ती ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वरुण राय की अदालत में कहा कि इस मामले में जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम नहीं लेने का उनके मुवक्किल पर दबाव डाला जा रहा है जिनके नाम वे पहले की सुनवाई के दौरान लिये थे.
कुणाल घोष के वकील ने सीबीआइ जांच पर भी सवाल उठाये. उन्होने कहा कि सीबीआइ सारधा टूर एंड ट्रैवल्स के मामले की चाजर्शीट अदालत में पेश कर चुकी है. फिर भी जांच बाकी होने के नाम पर मामले को खींच रही है. इससे कुणाल घोष को जमानत नहीं मिल पा रही. इस पर सीबीआइ के वकील ने कहा कि सारधा एक बड़ा घोटाला है, लिहाजा इस मामले में हर पहलुओं की गहरी जांच की जा रही है. इससे थोड़ा ज्यादा समय लग रहा है. बाद में कोर्ट ने कुणाल घोष, सुदीप्त सेन व देबजानी मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 20 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी.