कोलकाता। सारदा समूह का भले ही एक साल पहले भंडाफोड़ हो चुका हो लेकिन लेकिन समूह का वेबसाइट अभी भी मौजूद है। इसी वेबसाइट के जरिए गरीबों को प्रलोभन के जाल में फांसकर उनसे चिटफंड योजनाओं में निवेश कराया गया था और उन्हें अपनी मेहनत की कमाई से महरूम होना पड़ा था वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट सारदाग्रुप डॉट बिज को अब भी इंटरनेट पर ढूंढा जा सकता है।
वेबसाइट खुलते ही इस पर संदेश आता है : 'सारदा समूह कंपनी देश के बेहतर विकास के लिए नए युग में ले जाता है। हमने हमेशा ही शिक्षा, और सामाजिक सुधार के साथ समुदाय के विकास को महत्व दिया है। हम नैतिक मूल्यों को प्रमुखता देते हैं।'
चिटफंड कंपनी को बंद हुए 20 महीने गुजर गए, लेकिन इस कंपनी ने खास तौर से ग्रामीण बंगाल से आने वाले लाखों निवेशकों से उनके जीवनभर की कमाई ठग ली। सारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन को पिछले साल अप्रैल में कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था।
इस संबंध में पूछे जाने पर सीबीआई के अधिकारी ने बताया, 'हम इस मामले में जांच करेंगे कि वेबसाइट अब भी कैसे बरकरार है।' उन्होंने बताया कि ऐसा संभव है कि वेबसाइट को बनाने वाली एजेंसी को रकम भुगतान किए गए हैं। हमें इस संबंध में पड़ताल करनी होगी। वेबसाइट में पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा और नयी दिल्ली में फैले उसके 69 शाखा कार्यालयों का पता और संपर्क नंबर तथा ई-मेल आईडी मौजूद है।
वेबसाइट के होम पेज के खुलते ही यह संदेश प्रसारित होता है - 'आपने चाहा हमने पूरा किया' और साथ ही 12 वर्ष पहले शुरू हुए सारदा समूह के बारे में परिचय और उसकी यात्रा का बखान है। इसमें समूह द्वारा शुरू की गई कंपनियों का भी ब्योरा है।
ये कंपनियां हैं : सारदा कंस्ट्रक्शन, सारदा रियल्टी, लैंडमार्क सीमेंट, सारदा एग्रो, सारदा एड्यूकेशन हब, सारदा टी एस्टेट, सारदा हेल्थ रिजॉर्ट्स, सारदा टुअर्स एंड ट्रवेल्स, सारदा शॉपिंग मॉल और सारदा एक्सपोर्ट्स।
इसमें यह भी कहा गया है, 'नई सुबह के साथ जल्द ही कई अन्य सफल उपक्रमों को शुरू किया जाएगा। यह समूह नवाचार, गुणवत्ता, विशिष्टता और सामाजिक चेतना पर काम करता है।'
पोंजी योजना की पड़ताल कर रही सीबीआई ने मामले में अब तक आठ प्रमुख लोगों को इस संबंध में गिरफ्तार किया है जिनमें सेन तथा मुखर्जी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सांसद श्रृंजय बोस, निलंबित पाटी सांसद कुमल घोष, पूर्व पश्चिम बंगाल पुलिस महानिदेशक रजत मजूमदार, असमिया गायक सदानंद गोगोई, ईस्ट बंगाल क्लब अधिकारी देबब्रत सरकार और कारोबारी संधीर अग्रवाल शामिल हैं। इन सभी का नाम जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में शामिल किया है। (भाषा)