- तृणमूल ने शंकुदेव को पार्टी के सभी पदों से हटाया
कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष शंकुदेव पांडा ने सीबीआइ के सामने सोमवार को कई सनसनीखेज खुलासे किये. जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, पांडा ने सारधा से लाभ लेने के मामले में छह मंत्रियों और सांसदों का नाम लिया है.
सीबीआइ शंकुदेव के बयान को बेहद अहम मान रही है. सूत्रों के मुताबिक, पांडा ने जिन मंत्रियों और तृणमूल नेताओं का नाम लिया है, सीबीआइ उन्हें पूूछताछ के िलए बुला सकती है.
उधर, शंकुदेव के खुलासे से तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की परेशानी बढ़ गयी है. तृणमूल कांग्रेस ने तत्काल कदम उठाते हुए पांडा को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है. वह पार्टी के महासचिव थे. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेताओं को शंकुदेव से संपर्क नहीं रखने को कहा गया है.
सीबीआइ ने कसा शिकंजा: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने सोमवार को शंकुदेव को पूछताछ के िलए बुलाया था.
सोमवार दोपहर तय समय से डेढ़ घंटे देर से शंकुदेव जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंचे. तकरीबन दो घंटे तक उनसे पूछताछ की गयी. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में शंकुदेव ने कहा कि सिर्फ मैं (शंकुदेव) अकेला नहीं, जो सारधा कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन से लाभान्वित हुआ हूं. राज्य के कुछ ऐसे मंत्री व तृणमूल सांसद हैं जो सारधा प्रमुख से लाखों-करोड़ों रुपये बटोर चुके हैं.
इनमें से कुछ मंत्रियों व सांसदों के खिलाफ उनके (शंकुदेव) पास ऐसे सबूत हैं, जिससे सीबीआइ को जांच में मदद मिल सकती है. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि इन मंत्रियों व सांसदों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए शंकुदेव से दोबारा पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है. सोमवार को शंकुदेव ने सीबीआइ को अपने बैंक अकाउंट व आइटी फाइल के कागजात सौंपे. जांच एजेंसी ने कहा कि कागजातों की जांच के बाद जरूरत पड़ी तो दोबारा शंकुदेव को पूछताछ के लिए बुलाया जायेगा. पांडा पर सारधा से लाभान्वित होने का आरोप है. सारधा चिटफंड घोटाले में संलिप्तता के आरोप में पूर्व परिवहन मंत्री मदन िमत्रा न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
