भुज से करीब 15 किलोमीर दूर छोटे से गांव बालाडिया में सिर्फ 1292 परिवारों के बैंक खातों को चलाने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों की 8 शाखाओं की जरूरत पड़ती है। एनआरआई से भरा यह गांव 2000 करोड़ रुपए के बैंक डिपॉजिट का दावा करता है। बालाडिया भुज के नजदीक उन कुछ दर्जन भर गांवों में से एक है जो बहुत ही अमीर हैं। 7630 घरों वाले माधापर में बैंकों के पास 5000 करोड़ रुपए का डिपॉजिट है। केरा गांव में 1863 परिवार हैं और इसका भी कुल डिपॉजिट 2000 करोड़ रुपए है।
इन गावों में बैंकों की बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगी हैं जिनमें एनआरआई डिपॉजिट पर 10 फीसदी तक ब्याज की बात लिखी है। गुजरात के स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी के पूर्व संयोजक केसी चिप्पा बताते हैं, 'कछ के कुछ गांव जैसे माधापर और बालाडिया में एनआरआई डिपॉजिट बहुत ज्यादा है। हमारी जानकारी के मुताबिक यह देश में सबसे ज्यादा है।' माधापर, बालाडिया और केरा गांव में 30 बैंक शाखाएं और 24 एटीएम हैं।
बैंकर्स के मुताबिक दूसरे कई गांव जैसे नानपुरा, सूखपर, समत्रा, कोडाकी, भारासर, रामपर-वेकरा और मनकुआ का बैंक डिपॉजिट 100 से लेकर 500 करोड़ तक है। ज्यादातर डिपॉजिट ड्रॉ करने वाले टॉप तीन गांवों के लोगों में बड़ी संख्या नॉन-रेजिडेंट्स गुजराती की है। जबकि बलाडिया और माधपार में कुची पटेल का प्रभुत्व है। केरा में नॉन-रेजिडेंट्स गुजराती बड़ी सख्या में हैं जो कि खोजा समुदाय से हैं।
बालाडिया के एक स्थानीय व्यापारी जादवजी गरासिया बताते हैं, 'बालाडिया गांव की कुल जनसंख्या के 60 फीसदी एनआरजी (नॉन-रेजिडेंट गुजराती) है। उनका सारा पैसा बैंक में डिपॉजिट है।' देना बैंक के एक अधिकारी के मुताबिक जिले में एनआरआई का कुल डिपॉजिट लगभग 9181 करोड़ रुपए है। यह अहमदाबाद में दूसरे नंबर पर आता है। कच्छ के बैंकों में कुल डिपॉजिट लगभग 24,353 करोड़ रुपए है।
इन गांवों के निवासी अधिकांशत: केन्या, युगांडा, मोजाम्बिक, तनजानिया, दक्षिण अफ्रीका, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में सेटल हो गए हैं। यूके में कच्छ पटेल समाज के पूर्व अध्यक्ष और माधापर के निवासी हरिभाई हलासिया बताते हैं, 'इतने ज्यादा डिपॉजिट के पीछे कारण यह है कि लोग अपने गृहनगर के प्रति आभारी हैं। मेरे जैसे लोग जो यूके में रह रहे हैं, हर 3-4 साल में अपने घर आते हैं और अपने इलाके को कुछ वापस चुकाने का प्रयास करते हैं।'
हलासिया बताते हैं कि माधापुर के लगभग 3000 लोग ब्रिटेन में रहते हैं। यूके में रजिस्टर्ड संस्था कछ माधापर कार्यालय में माधापर के 1000 परिवार रजिस्टर्ड हैं। रोचक बात है कि इतनी बड़ी राशि डिपॉडिट करने वाले लोग भी बैंकों से ब्याज दर में रियायत देने के लिए मोलभाव करते हैं। कई मामलों में बैंक डिपॉजिटो होने वाली राशि को देखते हुए 0.25 फीसदी से 0.5 फीसदी तक ज्यादा ब्याज देने के लिए राजी हो जाते हैं।