Sai Prasad arrested leader, began investigating
Admin | 10 February, 2016 | 1248 | 3980
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ईओडब्ल्यू की तीन सदस्यीय टीम ने रविवार को व्यापार विहार स्थित चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद के कार्यालय का ताला खुलवाकर घंटों दस्तावेज खंगाले। इसके बाद दफ्तर सील कर दिया गया। टीम मुंबई से चिटफंड कंपनी के सरगना को भी साथ लेकर आई थी।
महाराष्ट्र की चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद के संचालकों ने देश के कई राज्यों में ठगी को अंजाम दिया है। इनके शिकार हजारों लोग हुए हैं, जिनके करोड़ों रुपए कंपनी गबन कर गई है। मामले की जांच अब मुंबई की ईओडब्ल्यू कर रही है। पिछले दिनों मुंबई में ईओडब्ल्यू के हत्थे चिटफंड कंपनी का सरगना चढ़ गया। वहां हुई पूछताछ में उसने ईओडब्ल्यू को क्या जानकारी दी है, यह अभी पता नहीं चल पाया है। जांच की दिशा आगे बढ़ाते हुए ईओडब्ल्यू की टीम सरगना को लेकर रविवार को बिलासपुर पहुंची। सरगना के बताए अनुसार टीम के सदस्य उसे लेकर व्यापार विहार पहुंचे, जहां पूर्व में कंपनी का दफ्तर था। इस बीच टीम की मांग पर सिविल लाइन टीआई ने थाने से तीन जवान साथ भेजे, जिसके बाद बंद दफ्तर का ताला खुलवाया गया। यहां घंटों जांच की गई। टीम के सदस्यों ने मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। यही वजह है कि दफ्तर में क्या-क्या दस्तावेज मिले और सरगना का नाम क्या है, इस बारे में पता नहीं चल सका है।
रविवार दोपहर सिविल लाइन थाने पहुंचे थे ईओडब्ल्यू के अफसर।
बिलासपुर जिले में ही 5 करोड़ से अधिक की ठगी
कंपनी ने पहले जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर समेत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अपना कारोबार फैलाया। इनके निशाने पर ग्रामीण ही रहे। कंपनी ने शुरुआत में तय समय में ग्राहकों को रकम वापस कर दी। इससे कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ा और लोगों ने दाेगुनी राशि जमा की। साजिश के तहत कंपनी समय पूरा होने से पहले ही यहां से कारोबार समेटकर फरार हो गई। बताया जाता है कि अकेले बिलासपुर जिले में ही कंपनी ने 5 करोड़ से अधिक की ठगी की है।
सामने नहीं आ रहे ठगी के शिकार
कंपनी के शिकार गरीब और मध्यवर्गीय परिवार ही हुए हैं। इनसे ही करोड़ों रुपए की ठगी हुई है। इसकी जानकारी होने के बाद भी वे पुलिस के पचड़े से बचने के लिए सामने नहीं आते। अभी तक कंपनी के खिलाफ ठगी के शिकार लोगों ने प्रशासन से शिकायत कर राशि वापस दिलाने की मांग की है, लेकिन किसी ने मामला थाने तक नहीं पहुंचाया है।
महाराष्ट्र की चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद के संचालकों ने देश के कई राज्यों में ठगी को अंजाम दिया है। इनके शिकार हजारों लोग हुए हैं, जिनके करोड़ों रुपए कंपनी गबन कर गई है। मामले की जांच अब मुंबई की ईओडब्ल्यू कर रही है। पिछले दिनों मुंबई में ईओडब्ल्यू के हत्थे चिटफंड कंपनी का सरगना चढ़ गया। वहां हुई पूछताछ में उसने ईओडब्ल्यू को क्या जानकारी दी है, यह अभी पता नहीं चल पाया है। जांच की दिशा आगे बढ़ाते हुए ईओडब्ल्यू की टीम सरगना को लेकर रविवार को बिलासपुर पहुंची। सरगना के बताए अनुसार टीम के सदस्य उसे लेकर व्यापार विहार पहुंचे, जहां पूर्व में कंपनी का दफ्तर था। इस बीच टीम की मांग पर सिविल लाइन टीआई ने थाने से तीन जवान साथ भेजे, जिसके बाद बंद दफ्तर का ताला खुलवाया गया। यहां घंटों जांच की गई। टीम के सदस्यों ने मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। यही वजह है कि दफ्तर में क्या-क्या दस्तावेज मिले और सरगना का नाम क्या है, इस बारे में पता नहीं चल सका है।
रविवार दोपहर सिविल लाइन थाने पहुंचे थे ईओडब्ल्यू के अफसर।
बिलासपुर जिले में ही 5 करोड़ से अधिक की ठगी
कंपनी ने पहले जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर समेत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अपना कारोबार फैलाया। इनके निशाने पर ग्रामीण ही रहे। कंपनी ने शुरुआत में तय समय में ग्राहकों को रकम वापस कर दी। इससे कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ा और लोगों ने दाेगुनी राशि जमा की। साजिश के तहत कंपनी समय पूरा होने से पहले ही यहां से कारोबार समेटकर फरार हो गई। बताया जाता है कि अकेले बिलासपुर जिले में ही कंपनी ने 5 करोड़ से अधिक की ठगी की है।
सामने नहीं आ रहे ठगी के शिकार
कंपनी के शिकार गरीब और मध्यवर्गीय परिवार ही हुए हैं। इनसे ही करोड़ों रुपए की ठगी हुई है। इसकी जानकारी होने के बाद भी वे पुलिस के पचड़े से बचने के लिए सामने नहीं आते। अभी तक कंपनी के खिलाफ ठगी के शिकार लोगों ने प्रशासन से शिकायत कर राशि वापस दिलाने की मांग की है, लेकिन किसी ने मामला थाने तक नहीं पहुंचाया है।