Relief: Office of the Registrar of chit fund launched in Jharkhand, DC will ensure that investors are not harmed
Admin | 16 May, 2016 | 1361 | 3980
रांची: झारखंड में छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों को जवाबदेह बनाया गया है. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), चिट फंड कंपनी और को-आॅपरेटिव संस्थाएं जो पैसे की उगाही कर धोखाधड़ी करती हैं, अब उनके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज होगी. धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होगी, जो हाइकोर्ट की तरफ से बनाया जायेगा.
यह बातें गुरुवार को रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके वर्मा ने कही. उन्होंने कहा कि गैर वित्तीय बैंकिंग कंपनियां, रिजर्व बैंक, सेबी, भारतीय आवास बैंक और चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ हुई बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने यह निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि बैंकिंग रेग्युलेटर और अन्य की राज्यस्तरीय समन्वय समिति ने निवेशकों के हित की रक्षा करने का निर्णय भी लिया है.
झारखंड में रिजर्व बैंक से निबंधित सिर्फ 20 एनबीएफसी : झारखंड में सिर्फ 20 कंपनियां ही भारतीय रिजर्व बैंक से निबंधित हैं, जो सिर्फ एक वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक के फिक्स्ड डिपाजिट की उगाही करती हैं. इन कंपनियों को चालू खाता अथवा बचत खाता के लिए किसी भी तरह की उगाही करने का अधिकार नहीं है. श्री वर्मा ने कहा कि झारखंड में कितनी चिटफंड कंपनियां हैं, इसका डाटा बेस तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटर (पीआइडी) नियम के तहत झारखंड में 264 कंपनियों ने अपनी सूचनाएं दी हैं. जल्द ही पूरी जानकारी हासिल कर ली जायेगी.
लोगों को ठगनेवालों पर करें कार्रवाई
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने नन बैंकिंग कंपनियों के जरिये सीधे-साधे लोगों को ठगनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने फरजी नन बैंकिंग कंपनियों की पहचान कर कार्रवाई करने को कहा है. मुख्य सचिव गुरुवार को नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही जालसाजी को लेकर आरबीआइ, सेबी, सीआइडी, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज व राष्ट्रीय आवास बैंक के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं. उन्होंने कहा कि अनिबंधित तथा अवैध रूप से संचालित नन बैंकिंग कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें. साथ ही दूसरे राज्य में निबंधित कंपनियों द्वारा झारखंड में किये जा रहे कारोबार को चिह्नित कर उसकी सूचना एकत्र करें. बैठक में बताया गया कि फिलहाल नन बैंकिंग क्षेत्र में 264 कंपनियां काम कर रही हैं और इस तरह के मामलों में 178 एफआइआर दर्ज हैं. सीआइडी के पास जो मामले दर्ज हैं, उनकी समीक्षा कर तीव्र गति से कार्रवाई करें.