नई दिल्ली: निवेशकों को उनका पैसा न लौटाने के मामले में देश भर में 700 से अधिक कंपनियों पर आरबीआई की नजर है। इसके अलावा आरबीआई यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि देश भर में ऐसी कितनी एनबीएफसी हैं जो बगैर उचित पंजीकरण के काम कर रही हैं। गैरकानूनी तरीके से निवेशकों से पैसे जुटाने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक इस मोर्चे पर अधिक सक्रिय हो गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोक सभा में कहा, ‘आरबीआई ने विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऐसी 701 कंपनियों की जानकारी दी है जो उसके साथ पंजीकृत नहीं हैं और जिनके खिलाफ निवेशकों का पैसा न लौटाने की शिकायत है या फिर ऐसा आरबीआई के संज्ञान में है कि इन्होंने पिछले तीन सालों में और इस साल 20 नवंबर तक निवेशकों को पैसे नहीं लौटाए हैं।’
ये कंपनियां अहमदाबाद, बैंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, जयपुर, हैदराबाद, कानपुर, कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, पटना और तिरुअनंतपुरम में फैली हुई हैं।
दिसंबर में मिली थी 34,754 कंपनियों की सूची
दिसंबर 2012 में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने आरबीआई को 34,754 कंपनियों की एक सूची भेजी थी जिसमें कहा गया था कि इनमें से बहुत सारी कंपनियां आरबीआई के साथ उचित पंजीकरण के बगैर ही एनबीएफसी गतिविधियां चला रही हैं।
आरबीआई ने यह पता लगाने के लिए इन सारी कंपनियों के बहीखातों की एक बार जांच की है कि क्या इन कंपनियों का उसके साथ पंजीकरण होना चाहिए? जो कंपनियां पहले से ही आरबीआई के साथ पंजीकृत थीं, उनकी जांच नहीं की गई।
क्या पता चला कंपनियों के बारे में
इस सूची में से 4,102 कंपनियां आरबीआई के साथ एनबीएफसी के तौर पर पंजीकृत थीं, जबकि 14,323 कंपनियों को आरबीआई के साथ पंजीकरण की आवश्यकता नहीं थी। 5912 कंपनियां ऐसी हैं जो पहली नजर में ऐसा कारोबार कर रही हैं जिसे एनबीएफसी का काम माना जाना चाहिए और उन्हें आरबीआई के साथ पंजीकरण कराना चाहिए।
हालांकि, इन कंपनियों में से 421 को रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं दी गई या फिर उनके रजिस्ट्रेशन के सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिए गए।
कार्रवाई शुरू कर रहा है आरबीआई
लोक सभा को दिए गए लिखित उत्तर में जेटली ने कहा कि आरबीआई अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में आरबीआई इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया में है।
जेटली ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने अवैध तरीके से काम कर रही कंपनियों की गतिविधियों को रोकने के लिए आरबीआई अधिनियम के तहत कई कदम उठाए हैं।