नई दिल्ली: धूम्रपान मौत का एक ऐसा कारण है जिसे रोका जा सकता है। इसकी वजह से हर साल पूरी दुनिया में 60 लाख लोग मर जाते हैं। नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले 50 प्रतिशत लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों जैसे कि दिल का दौरा, कैंसर और दमा वाली फेफड़ों की बीमारियों का शिकार होकर मौत के मुंह में चले जाते हैं।
31 मई को धूम्रपान निषेध दिवस है और आईएमए जनता को सेहत के प्रति जागरूक करने के लिए हफ्ता भर चलने वाली गतिविधियों की एक श्रंखला चलाने जा रही है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डा. केके अग्रवाल ने दी है।
उन्होंने बताया कि 40 साल की उम्र से पहले धूम्रपान छोड़ने का मतलब होता है छोटी उम्र में होने वाली मौत से खुद को बचाना। इसलिए धूम्रपान छोड़ने का सबसे सही समय है 40 साल की उम्र से पहले। वैसे 50 की उम्र के बाद भी धूम्रमान छोड़ने वालों में इसे जारी रखने वाले लोगों के मुकाबले मृत्यु का खतरा कम हो जाता है। यहां तक कि कुछ लोग जो 80 के बाद धूम्रमान छोड़ते हैं, उनकी उम्र में भी कुछ सुधार होता है। धूम्रपान दिल के रोगों से होने वाली 10 प्रतिशत से ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार है।