नई दिल्ली - लोगों को पोंजी स्कीमों से बचाने के लिए एक संसदीय समिति ने आदर्श केंद्रीय कानून बनाए जाने का सुझाव दिया है जिसमें डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में पैसा इकट्ठा किए जाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए स्पष्ट परिभाषाएं दी गई हों। गौरतलब है कि फर्जी निवेश स्कीमों के झांसे में भोले-भाले निवेशकों के आकर अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई गंवाने के मामले बढ़ रहे हैं। इन स्कीमों में कम अवधि में ज्यादा रिटर्न की पेशकश की जाती है। फाइनैंस से संबंधित संसद की स्थाई समिति ने एक 'आदर्श केंद्रीय कानून' का प्रस्ताव दिया है जिसका दायरा काफी व्यापक हो और इसमें सामूहिक निवेश स्कीम, चिटफंड, डायरेक्ट सेलिंग स्कीम व ऐसी दूसरी गतिविधियों को लाया जाए जिनकी इस समय अनुमति है, लेकिन बिखरे हुए तरीके से इनका नियमन होता है।
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