Police will interrogate Bhapkar couple
Admin | 25 January, 2016 | 1040 | 3980
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हजारों लोगों का रकम निवेश करवाने के बाद धोखाधड़ी करने वाले सांई प्रसाद चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर बाबा साहब भापकर और उनकी प|ी वंदना भापकर को कोरबा पुलिस 29 जनवरी को ट्रांजिट रिमांड पर लाएगी। अभी दोनों क्रमश: मुंबई के आर्थर और दुर्ग के सेंंट्रल जेल में निरूद्ध है।
जिले में अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद कंपनी ने की है। यहां हजारों की संख्या में लाेगों ने इस कंपनी पर भरोसा करके रुपए निवेश किया था। लेकिन कंपनी ने पिछले दो वर्षों के दौरान निवेशकों की रकम लौटने में लापरवाही की। मिच्योरिटी तिथि पूर्ण हाेने के बाद भी निवेशक अपनी जमा रकम पाने के लिए भटकते रहे। सांई प्रसाद कंपनी के खिलाफ बालको थाना में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज है। अब तक जिले में इस कंपनी से जुड़े आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। कंपनी के डायरेक्टर द्वय बाबा साहब भापकर और उनकी प|ी वंदना भापकर भी आरोपी है। भापकर दंपत्ति के खिलाफ प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपराध दर्ज है। बालोद पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में वंदना भापकर की गिरफ्तारी किया था। वह दुर्ग सेंट्रल जेल में निरूद्ध है। जबिक आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो मुंबई ने बाबा साहब भापकर की गिरफ्तारी की थी। वे मुंबई के आर्थर जेल में है। कोरबा पुलिस भापकर दंपत्ति को कोरबा में दर्ज मामले में ट्रांजिट रिमांड में लेने के लिए प्रयासरत थी। पहले पुलिस को वंदना भापकर को गिरफ्तार करने के लिए प्रोटेक्शन वारंट मिला। बाद में बाबा साहब भापकर के लिए भी प्रोटेक्शन वारंट हासिल हो गया है। वंदना भापकर को 29 जनवरी को कोरबा पुलिस अपने कस्टडी में लेगी। बाबा साहब भापकर को भी इसी दिन लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अब तक हुई गिरफ्तारी
जिले में सांई प्रसाद कंपनी के खिलाफ दर्ज मामले में प्रेमलाल यादव (शारदा विहार), नंद किशारे यादव (अयोध्यापुरी-जैलगांव), गौतम बंजारे(अखरापाली-उरगा), बाबुलाल रात्रे (पाड़ीमार-भदरापारा), विजय कुमार साहू (शिवाजी नगर) और इंद्रजीत पाटले (साडा कालोनी-कोरबा) की गिरफ्तारी हो चुकी है।
साईं प्रसाद, आधा दर्जन शिकायतकर्ता सामने आए
चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद के खिलाफ मूलरूप से रिटायर्ड बालको कर्मी हेतराम भारद्वाज ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। लेकिन इसके अलावा अन्य लोगों को मिलाकर आधा दर्जन शिकायतकर्ताओं ने सामने आकर धोखाधड़ी होने की जानकारी दी है। पुलिस सभी मामले को एक ही अपराध में मर्ज कर रही है। जिसमें बताए गए आरोपी की गिरफ्तारी की जा रही है।
10 हजार लोगों से ठगी
शहर के ट्रांसपोर्टनगर स्थित सांई प्रसाद कंपनी के दफ्तर से कोरबा समेत जांजगीर, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, जशपुर क्षेत्र में कारोबार चल रहा था। एक आंकलन के मुताबिक इन सभी जिलों को मिलाकर कुल 10 हजार लोगों से ठगी की गई है। इनमें ज्यादातर रिटायर्ड या भूमि अधिग्रहण होने पर मुआवजा पाने वाले लोग हैं।
अभिकर्ता संघ की मांग, संपत्ति कुर्क करके लौटाई जाए राशि
सांई प्रसाद कंपनी से जुड़ी अभिकर्ता अर्चना मसीह ने तीन दिन पूर्व कंपनी के बंद होने और निवेशकों के दबाव की वजह से परेशानी में आकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ अभिकर्ता संघ ने कंपनी की संपत्ति कुर्क करते हुए निपेक्षकों का संरक्षण अधिनियम के तहत निवेशकों की राशि वापसी की मांग की है। जिससे अभिकर्ताओं का संरक्षण हो सकें।
जिले में अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद कंपनी ने की है। यहां हजारों की संख्या में लाेगों ने इस कंपनी पर भरोसा करके रुपए निवेश किया था। लेकिन कंपनी ने पिछले दो वर्षों के दौरान निवेशकों की रकम लौटने में लापरवाही की। मिच्योरिटी तिथि पूर्ण हाेने के बाद भी निवेशक अपनी जमा रकम पाने के लिए भटकते रहे। सांई प्रसाद कंपनी के खिलाफ बालको थाना में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज है। अब तक जिले में इस कंपनी से जुड़े आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। कंपनी के डायरेक्टर द्वय बाबा साहब भापकर और उनकी प|ी वंदना भापकर भी आरोपी है। भापकर दंपत्ति के खिलाफ प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपराध दर्ज है। बालोद पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में वंदना भापकर की गिरफ्तारी किया था। वह दुर्ग सेंट्रल जेल में निरूद्ध है। जबिक आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो मुंबई ने बाबा साहब भापकर की गिरफ्तारी की थी। वे मुंबई के आर्थर जेल में है। कोरबा पुलिस भापकर दंपत्ति को कोरबा में दर्ज मामले में ट्रांजिट रिमांड में लेने के लिए प्रयासरत थी। पहले पुलिस को वंदना भापकर को गिरफ्तार करने के लिए प्रोटेक्शन वारंट मिला। बाद में बाबा साहब भापकर के लिए भी प्रोटेक्शन वारंट हासिल हो गया है। वंदना भापकर को 29 जनवरी को कोरबा पुलिस अपने कस्टडी में लेगी। बाबा साहब भापकर को भी इसी दिन लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अब तक हुई गिरफ्तारी
जिले में सांई प्रसाद कंपनी के खिलाफ दर्ज मामले में प्रेमलाल यादव (शारदा विहार), नंद किशारे यादव (अयोध्यापुरी-जैलगांव), गौतम बंजारे(अखरापाली-उरगा), बाबुलाल रात्रे (पाड़ीमार-भदरापारा), विजय कुमार साहू (शिवाजी नगर) और इंद्रजीत पाटले (साडा कालोनी-कोरबा) की गिरफ्तारी हो चुकी है।
साईं प्रसाद, आधा दर्जन शिकायतकर्ता सामने आए
चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद के खिलाफ मूलरूप से रिटायर्ड बालको कर्मी हेतराम भारद्वाज ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। लेकिन इसके अलावा अन्य लोगों को मिलाकर आधा दर्जन शिकायतकर्ताओं ने सामने आकर धोखाधड़ी होने की जानकारी दी है। पुलिस सभी मामले को एक ही अपराध में मर्ज कर रही है। जिसमें बताए गए आरोपी की गिरफ्तारी की जा रही है।
10 हजार लोगों से ठगी
शहर के ट्रांसपोर्टनगर स्थित सांई प्रसाद कंपनी के दफ्तर से कोरबा समेत जांजगीर, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, जशपुर क्षेत्र में कारोबार चल रहा था। एक आंकलन के मुताबिक इन सभी जिलों को मिलाकर कुल 10 हजार लोगों से ठगी की गई है। इनमें ज्यादातर रिटायर्ड या भूमि अधिग्रहण होने पर मुआवजा पाने वाले लोग हैं।
अभिकर्ता संघ की मांग, संपत्ति कुर्क करके लौटाई जाए राशि
सांई प्रसाद कंपनी से जुड़ी अभिकर्ता अर्चना मसीह ने तीन दिन पूर्व कंपनी के बंद होने और निवेशकों के दबाव की वजह से परेशानी में आकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ अभिकर्ता संघ ने कंपनी की संपत्ति कुर्क करते हुए निपेक्षकों का संरक्षण अधिनियम के तहत निवेशकों की राशि वापसी की मांग की है। जिससे अभिकर्ताओं का संरक्षण हो सकें।